DU: कोरोना काल में डीयू छात्रों का सहारा बने एफवाइयूपी लैपटॉप

डीयू में फिलहाल कक्षाएं ऑनलाइन संचालित की जा रही हैं। छात्रों की कक्षाओं में पूरी भागीदारी हो इसके लिए डीयू के कई कॉलेजों ने फोर ईयर अंडर-ग्रेजुएट प्रोग्राम (एफवाईयूपी) यानी चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम के तहत वितरित किए जाने वाले लैपटॉप छात्रों को दिए हैं।

By JP YadavEdited By: Publish:Tue, 24 Nov 2020 02:42 PM (IST) Updated:Tue, 24 Nov 2020 02:42 PM (IST)
DU: कोरोना काल में डीयू छात्रों का सहारा बने एफवाइयूपी लैपटॉप
नॉर्थ कैंपस स्थित दिल्ली विश्वविद्यालय की फाइल फोटो।

नई दिल्ली [संजीव कुमार मिश्र]। कोविड-19 के दौर में दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) उपलब्ध संसाधनों का पूरा उपयोग करते हुए छात्रों की पढ़ाई को यथासंभव सहज बनाने की कोशिश कर रहा है। डीयू में फिलहाल, कक्षाएं ऑनलाइन संचालित की जा रही हैं। छात्रों की कक्षाओं में पूरी भागीदारी हो, इसके लिए डीयू के कई कॉलेजों ने फोर ईयर अंडर-ग्रेजुएट प्रोग्राम (एफवाईयूपी) यानी चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम के तहत वितरित किए जाने वाले लैपटॉप छात्रों को दिए हैं। दरअसल में एफवाईयूपी लागू करने की प्रक्रिया के दौरान 2013 में डीयू ने प्रथम वर्ष के छात्रों को देने के लिए 50 हजार से लैपटॉप कॉलेजों को दिए थे, लेकिन 2014 में इस व्यवस्था को वापस ले लिया गया। ये लैपटॉप अब छात्रों का सहारा बन रहे हैं।

राजधानी कॉलेज में रसायन विज्ञान के शिक्षक आनंद प्रकाश ने बताया कि कॉलेज में एक सर्वे किया गया था जिसमें पता चला कि 70 फीसद छात्र लैपटॉप या स्मार्टफोन नहीं होने की वजह से ऑनलाइन कक्षाओं में शामिल नहीं हो पा रहे हैं। जबकि, कॉलेज में 400 लैपटॉप रखे हुए हैं। ऐसे में प्राचार्य ने गवर्निग बॉडी से अनुरोध किया कि छात्रों को लैपटॉप दिए जाएं।

वहीं, आर्यभट्ट कॉलेज के प्राचार्य मनोज सिन्हा ने बताया कि 2013 में कॉलेज को 900 लैपटॉप मिले थे, जिनमें से दिल्ली में रहने वाले 150 छात्रों को लैपटॉप दिए गए हैं। सॉफ्टवेयर अपडेट करने के बाद 300 लैपटॉप देने के लिए तैयार किए हैं।

वहीं, अरबिंदो कॉलेज के प्राचार्य विपिन कुमार कहते हैं कि लैपटॉप काम लेने वाले 60 फीसद से अधिक छात्र दिल्ली से बाहर के हैं। रामानुजन कॉलेज के प्राचार्य एपी अग्रवाल की मानें तो 30 लैपटॉप अब तक जारी हो चुके हैं।

मिरांडा हाउस की प्राचार्य बिजयालक्ष्मी नंदा कहतीं हैं कि कुछ लैपटॉप अंतिम वर्ष की छात्राओं को दिए गए थे। कॉलेज में कुल छात्राओं की संख्या तीन हजार से अधिक है, उस अनुपात में लैपटॉप कम ही हैं, लिहाजा पूर्व छात्रों व कारोबारियों से मदद मांगी है, ताकि छात्रओं की मदद पढ़ाई बाधित नहीं हो।

सेंट स्टीफंस कॉलेज की शिक्षिका नंदिता नारायण कहतीं हैं कि कॉलेजों को एफवाईयूपी के तहत छात्रों को दिए जाने के लिए मिले लैपटॉप से छात्रों को राहत मिल सकती है। जरूरतमंद छात्रों को लैपटॉप मिलने चाहिए। वहीं, लेडी श्रीराम कॉलेज की प्राचार्या सुमन शर्मा ने बताया कि आर्थिक रूप से कमजोर छात्राओं की मदद के लिए एक समिति गठित की जा रही है जो लैपटॉप समेत डाटा रिचार्ज आदि से छात्राओं की मदद करेगी।

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