विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों रुपये ठगने वाला कोलकाता से गिरफ्तार

आरोपित समीर अरविंद पारेख को पुलिस ने सात मार्च को कोलकाता से गिरफ्तार किया।उसके पास से एक मोबाइल फर्जी आधार कार्ड चार एटीएम कार्ड और एक पैन कार्ड बरामद किया गया है।जांच में सामने आया है कि आरोपित अभी तक 25 ज्यादा लोगों से 20 लाख रुपये ठग चुका है।

By Prateek KumarEdited By: Publish:Sun, 11 Apr 2021 04:13 PM (IST) Updated:Sun, 11 Apr 2021 04:13 PM (IST)
विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों रुपये ठगने वाला कोलकाता से गिरफ्तार
नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाला पकड़ाया।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। आनलाइन विज्ञापन देकर लोगों को विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले एक युवक को दक्षिणी दिल्ली जिला पुलिस की साइबर सेल ने पकड़ा है। आरोपित समीर अरविंद पारेख को पुलिस ने सात मार्च को कोलकाता से गिरफ्तार किया। उसके पास से एक मोबाइल, फर्जी आधार कार्ड, चार एटीएम कार्ड और एक पैन कार्ड बरामद किया गया है। पुलिस जांच में सामने आया है कि आरोपित अभी तक 25 ज्यादा लोगों से 20 लाख रुपये ठग चुका है। पीड़ित अलग-अलग राज्यों से हैं।

महिला ने मैदानगढ़ी थाना पुलिस से की शिकायत

पुलिस उपायुक्त अतुल कुमार ठाकुर ने बताया कि मार्च में एक महिला ने मैदानगढ़ी थाना पुलिस को शिकायत दी थी। उन्होंने पुलिस को बताया था कि वह मुकुल रावत नाम के व्यक्ति के साथ छतरपुर इलाके में अपना किचन चलाती हैं और खाने की होम डिलीवरी करती हैं। उन्होंने गूगल पर एक विज्ञापन देखा जिसमें अमेरिका में एक शेफ की नौकरी उपलब्ध थी।

विज्ञापन पर दिए नंबर पर काॅल करने से मिला 20000 डालर प्रतिमाह की नौकरी का आफर

विज्ञापन पर दिए नंबर पर संपर्क करने पर बताया गया कि अमेरिका के एक रेस्टोरेंट में 2000 डालर प्रतिमाह की नौकरी उपलब्ध है। पीड़ित ने अपने और मुकुल रावत के लिए नौकरी की बात तय की। आरोपित ने दोनों से 36-36 हजार रुपये रजिस्ट्रेशन, मेडिकल फीस के नाम पर जमा करवा लिए। उसके के बाद आरोपित ने अपना नंबर बंद कर दिया। पीड़ितों की शिकायत पर साइबर सेल के इंस्पेक्टर अजीत कुमार, एसआई अजीत सिंह और हेडकांस्टेबल रामबीर की टीम ने मामले की छानबीन शुरू की। जांच में पता चला कि ये मोबाइल नंबर फर्जी पते पर लिया गया था। पुलिस ने ईएमआइ नंबर की जांच की और जिस अकाउंट में पैसे दिए गए थे उसकी जानकारी निकाली। बैंक से मिली जानकारी के आधार पर पुलिस कोलकाता पहुंची और सात मार्च को उसे दबोच लिया।

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