Delhi: गांजे की बरामदी में सामने आया बड़ा 'खेल', दो SI समेत चार पुलिसकर्मी निलंबित

डीसीपी विजयंता आर्या एडिशनल डीसीपी विक्रम मीणा और एसीपी आपरेशंस मनोज पंत ने जहांगीरपुरी थाने में लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज की जांच की और अन्य पुलिसकर्मियों के बयान भी लिए। जांच के दौरान दो एसआइ भी मामले में संलिप्त पाए गए।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Sun, 27 Sep 2020 09:57 AM (IST) Updated:Sun, 27 Sep 2020 09:57 AM (IST)
Delhi: गांजे की बरामदी में सामने आया बड़ा 'खेल', दो SI समेत चार पुलिसकर्मी निलंबित
दिल्ली पुलिस को दो एसआइ व चार पुलिसकर्मी निलंबित

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। जहांगीरपुरी थाना पुलिस की छापेमारी में बड़ा खेल सामने आ रहा है। पुलिस ने छापेमारी कर 170 किलो गांजा बरामद किया, लेकिन लिखा पढ़ी में दिखाया मात्र 920 ग्राम। मामला सामने के आने के बाद उत्तर-पश्चिम जिले की पुलिस उपायुक्त ने दो एसआइ (उपनिरीक्षक) समेत चार पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है।

मामले में एसीपी जहांगीरपुरी की भूमिका भी संदिग्ध बताई जा रही है।11 सितंबर को सूचना के आधार के पर जहांगीरपुरी थाने के हेड कांस्टेबल हरफूल और कांस्टेबल सोनू राठी ने जहांगीरपुरी सी ब्लाक के एक घर में छापेमारी की। जहां से पुलिस ने किराये के मकान में रह रहे आरोपित अनिल को गिरफ्तार कर लिया। साथ ही उसके पास से गांजा भी बरामद कर लिया।

सूत्रों ने बताया कि भरत नगर थाने के एक पुलिसकर्मी ने मामले की जानकारी वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को दी। इसके बाद पूरे मामले की जांच कराई गई। आरोप है कि पुलिसकर्मी आरोपित और उससे बरामद 170 किलो गांजे को पहले पास के पुलिस बूथ में ले गए। इसके बाद थाने में मात्र 920 ग्राम गांजे की बरामदगी दिखा दी। चूंकि एक किलोग्राम से कम गांजा होने पर थाने से ही जमानत का नियम है, ऐसे में आरोपित अनिल को उसी दिन जमानत मिल गई। इसके बाद 15 सितंबर को इलाके के एक घोषित बदमाश के माध्यम से गांजा आजादपुर में बेच दिया गया।

मामला सामने आने के बाद डीसीपी विजयंता आर्या, एडिशनल डीसीपी विक्रम मीणा और एसीपी आपरेशंस मनोज पंत ने जहांगीरपुरी थाने में लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज की जांच की और अन्य पुलिसकर्मियों के बयान भी लिए। जांच के दौरान दो एसआइ भी मामले में संलिप्त पाए गए। इसके बाद छापेमारी में शामिल दोनों कांस्टेबल और दोनों एसआइ को निलंबित कर दिया गया। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि एनडीपीएस (नॉर्कोटिक्स ड्रग्स साइकोट्रोपिक सब्सटेंस) एक्ट के तहत आने वाले मामलों की जांच एसीपी के निरीक्षण में होती है। दर्ज की गई एफआइआर और जांच के दौरान तथ्यों में अंतर आ रहा है। ऐसे में एसीपी की भूमिका भी जांच के घेरे में आ गई है।

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