फर्जीवाड़ा कर बैंक में काला धन जमा करने वाले चार गिरफ्तार, जानिए कैसे कर रहे थे धोखाधड़ी
मेरठ में आर्थिक अपराध शाखा के सीओ की जांच पर बीते 25 जुलाई 2020 को दादरी कोतवाली में फर्जी तरीके से दस्तावेज तैयार कर एक निजी बैंक में खाते खोले जाने का मुकदमा दर्ज किया गया था। उनमें 37 करोड़ रुपये काला धन जमा किया गया।
दादरी, जागरण संवाददाता। दादरी कोतवाली क्षेत्र में जीटी रोड बीलअकबरपुर तिराहे के समीप से शनिवार रात पुलिस ने फर्जीवाड़ा कर बैंक में काला धन जमा करने वाले चार आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है। आरोपितों ने फर्जी पते पर दादरी में बैंक में खाते खुलवाए थे। उनमें 37 करोड़ का काला धन जमा किया गया था। इसके बाद रकम कानपुर के बैंक खाते में ट्रांसफर की गई। मामले की जांच मेरठ शाखा कर रही है।
दादरी कोतवाली प्रभारी प्रदीप त्रिपाठी ने बताया कि मेरठ में आर्थिक अपराध शाखा के सीओ की जांच पर बीते 25 जुलाई 2020 को दादरी कोतवाली में फर्जी तरीके से दस्तावेज तैयार कर एक निजी बैंक में खाते खोले जाने का मुकदमा दर्ज किया गया था। उनमें 37 करोड़ रुपये काला धन जमा किया गया और उसका कानपुर स्थित एक बैक में ट्रांजेक्शन किया गया। जांच में आठ लोगों के नाम प्रकाश में आये और उनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गयी थी।
शनिवार रात पुलिस ने मनीष अरोड़ा निवासी ज्वाला नगर विवेक विहार शाहदरा दिल्ली, मनोज कुमार निवासी साकेत ब्लाक मंडावली नई दिल्ली, विनय तिवारी निवासी गाजियाबाद व पल्लव जायसवाल निवासी उत्तरी स्कूल ब्लाक मंडावली नई दिल्ली को गिरफ्तार किया है। यह सभी दादरी की निजी बैंक में प्रबंधक थे। इन्होंने ही फर्जी फर्म के खाते खोले थे। आरोप है कि प्रबंधक की मिलीभगत से खाते खुलवाए गए थे।
ऐसे पकड़े गए फर्जी खाते
जांच में पता चला कि जिन खातों में काला धन जमा हुआ है उनका कोई भी ट्रांजेक्शन एटीएम कार्ड से नहीं किया गया है। करीब एक साल तक खाते से कोई निकासी नहीं हुई। अचानक पूरी रकम 37 करोड़ एक साथ कानपुर के खाते में ट्रांसफर कर दी गई।
फरार आरोपितों की तलाश जारी
धोखाधड़ी के मामले में चार अन्य आरोपित अभी फरार चल रहे हैं। पुलिस उनकी तलाश कर रही है। आरोपितों की तलाश में कानपुर में भी दबिश दी गई है। फरार आरोपितों में कानपुर के निवासी भी शामिल हैं। पुलिस का दावा है जल्द ही फरार आरोपित को गिरफ्तार किया जाएगा।