दिल्ली में खोया सिक्किम के पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे का आइफोन, जानिए कैसे वापस कर पाए हासिल?

मध्य जिले की उपायुक्त श्वेता चौहान ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री बीबी गुरुंग के बेटे उज्जवल गुरुंग साकेत से निजामुद्दीन एक्यूप्रेशर कराने आए थे। वे आइएएस अधिकारी रहे हैं।कैब से सफर करने के दौरान वह अपना आइफोन कैब में ही भूल गए थे। जिसे काफी मशक्कत के बाद खोजा गया।

By Prateek KumarEdited By: Publish:Sun, 17 Oct 2021 08:13 PM (IST) Updated:Sun, 17 Oct 2021 08:13 PM (IST)
दिल्ली में खोया सिक्किम के पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे का आइफोन, जानिए कैसे वापस कर पाए हासिल?
निजामुद्दीन में एक्यूप्रेशर कराने आए मुख्यमंत्री के बेटे का आइफोन कैब में छूट गया था

नई दिल्ली [धनंजय मिश्रा]। कैब में छूटा सिक्किम के पूर्व मुख्यमंत्री बीबी गुरुंग के बेटे का आइफोन पुलिस ने तत्पर्ता से ढूढ़ निकाला। फोन पाने के लिए पुलिस को कई घंटे मेहनत करनी पड़ी। जिस कैब में फोन छूटा था उसका चालक फोन कैब में होने से पहले बार-बार इंकार करता रहा लेकिन कमला मार्केट ने जब उसे भरोसे में लेकर कानून का भय दिखाया तब उसने फाेन कैब में होने की बात स्वीकार ली और लौटा दिया।

मध्य जिले की उपायुक्त श्वेता चौहान ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री बीबी गुरुंग के बेटे उज्जवल गुरुंग साकेत से निजामुद्दीन एक्यूप्रेशर कराने आए थे। वे आइएएस अधिकारी रहे हैं। कैब से सफर करने के दौरान वह अपना आइफोन कैब में ही भूल गए थे। उन्होंने कैब चालक को काल करके फोन कैब में छूट जाने के बारे में बताया। लेकिन, चालक ने फोन कैब में होने का साफ इंकार कर दिया।

इसके बाद उज्जवल ने अपनी पत्नी सुधा गुरुंग को जानकारी दी। सुधा गुरुंग उस समय मध्य जिले में आइ हुई थी। सुधा ने अपने टैब से जुड़े उज्जवल के मोबाइल फोन की लोकेशन निकाली तो सफदरजंग मिली। इसके बाद सुधा सबसे नजदीकी पुलिस स्टेशन कमला मार्केट पहुंची। वहां पर एसएचओ सुरेंद्र दलाल को मामले की जानकारी दी। इस पर हवलदार संदीप चावला को फोन ढूढ़ने का जिम्मा दिया गया।

पांच घंटे तक कैब की निगरानी की

पुलिस अधिकारी ने बताया कि जब कैब चालक को फोन कर आइफाेन के बारे में पूछा गया तो वह फोन नहीं होने की बात कहता। जबकि फोन की लोकेशन और चालक की लोकेशन एक ही आ रही थी। करीब पांच घंटे तक लोकेशन की निगरानी की गई। चालक को कहा गया कि पुलिस उसकी कैब के पीछे है। करीब एक घंटे तक पुलिसकर्मी ने चालक से बात किया तब जाकर उसने फोन होने की बात स्वीकार किया। इसके बाद उसने सफदरजंग थाने में फोन सौंप दिया। उसके बाद फोन को सुधा को सौंप दिया गया।

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