वन और वन्यजीव विभाग के जंगली जानवरों के लिए दिल्ली में बनाया गया पहला रेस्क्यू सेंटर, जानिए कब से होगा चालू
रजोकरी में बनाए गए रेस्क्यू सेंटर को अगले माह के पहले सप्ताह तक चालू कर दिया जाएगा। यह सेंटर 1.24 एकड़ में बनाया गया है। यहां पहले से ही बंदरों का रेस्क्यू सेंटर चल रहा था। बंदरों के बचाव केंद्र को ही रेस्क्यू सेंटर में अपग्रेड किया गया है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली के वन और वन्यजीव विभाग ने जंगली जानवरों के लिए दिल्ली का पहला रेस्क्यू सेंटर तैयार किया है। अधिकारियों के मुताबिक, रजोकरी में बनाए गए रेस्क्यू सेंटर को अगले माह के पहले सप्ताह तक चालू कर दिया जाएगा। यह सेंटर 1.24 एकड़ में बनाया गया है। यहां पहले से ही बंदरों का रेस्क्यू सेंटर चल रहा था। जानकारी के अनुसार, बंदरों के बचाव केंद्र को ही रेस्क्यू सेंटर में अपग्रेड किया गया है।
अधिकारियों ने उम्मीद जताई कि इस सेंटर को वन्यजीव सप्ताह के दौरान शुरू कर दिया जाएगा। दिल्ली में अब तक ऐसी कोई भी निजी या सरकारी सुविधा नहीं थी। यहां जंगल से भटक कर शहर में आ जाने वाले जंगली जानवरों का उपचार और पुनर्वास दोनों किया जाएगा। इसके अलावा यहां पक्षियों के लिए भी सुविधा होगी। दिल्ली सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि ऐसे जंगली जानवरों को बचाने और रजोकरी केंद्र में लाने के लिए पांच सदस्यों की तीन टीमें भी गठित की जाएंगी।
अब तक, वन विभाग गैर सरकारी संगठनों के साथ मिलकर फंसे या घायल जानवरों को बचाने का काम करता था। दक्षिण दिल्ली के असोला भाटी वन्यजीव अभयारण्य में उनका इलाज किया जाता था। असोला भाटी वन्य जीव अभयारण्य में कार्यरत अधिकारियों के मुताबिक, जानवरों को बचाने के लिए गैर सरकारी संगठनों के साथ जुड़ाव जारी रहेगा। दक्षिणी दिल्ली वन प्रभाग के एक पशु चिकित्सक को भी उनके इलाज के लिए केंद्र में तैनात किया जाएगा। इस केंद्र में बचाए गए जंगली जानवरों जैसे नीलगाय, नेवला, बंदर और गीदड़ और सरीसृपों का इलाज यहां किया जाएगा। इस साल की शुरुआत में रिज मैनेजमेंट बोर्ड ने रजोकरी में एक जंगली जानवर बचाव केंद्र के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी।
इसके लिए क्षतिपूरक वनीकरण कोष प्रबंधन और योजना प्राधिकरण ने बजट स्वीकृत कर दिया है। एक महीने के भीतर इन टीमों का गठन कर दिया जाएगा, जबकि बचाव केंद्र इसी वर्ष के अंत तक तैयार हो जाएगा। उन्होंने बताया कि यह केंद्र पक्षियों के लिए आरक्षित स्थान पर बनाया जाएगा। अधिकारी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति के सामने वन्य पक्षी बचाव केंद्र बनाने का प्रस्ताव लंबित था। लेकिन समिति ने केवल पक्षियों के लिए बचाव केंद्र बनाने को अप्रासंगिक बताया।