मुंबई की तरह दिल्ली में भी अब 30 वर्ष पुरानी इमारतों के लिए लेना होगा फिटनेस प्रमाणपत्र

Delhi Earthquake Updates अब मुंबई की तरह 30 वर्ष पुरानी इमारतों के लिए फिटनेस प्रमाणपत्र लेना अनिवार्य किया जाएगा। दिल्ली सरकार ने कार्ययोजना तैयार कर ली है जिसे चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। दिल्ली सरकार ने जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट को यह अहम जानकारी दी।

By JP YadavEdited By: Publish:Thu, 04 Mar 2021 08:10 AM (IST) Updated:Thu, 04 Mar 2021 10:50 AM (IST)
मुंबई की तरह दिल्ली में भी अब 30 वर्ष पुरानी इमारतों के लिए लेना होगा फिटनेस प्रमाणपत्र
दिल्ली में भूकंप के लिहाज से इमारतों की स्थिति खराब है।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। देश की राजधानी दिल्ली में बहुमंजिला इमारतों की भूकंपीय स्थिति के आकलन के लिए दिल्ली सरकार जल्द ही बड़ा कदम उठाने जा रही है। इसके तहत अब मुंबई की तरह 30 वर्ष पुरानी इमारतों के लिए फिटनेस प्रमाणपत्र लेना अनिवार्य किया जाएगा। दिल्ली सरकार ने कार्ययोजना तैयार कर ली है, जिसे चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। दिल्ली सरकार ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट को यह अहम जानकारी दी। अब याचिका पर 13 अप्रैल को अगली सुनवाई होगी।

अधिवक्ता अर्पित भार्गव की तरफ से दायर जनहित याचिका पर मुख्य न्यायमूर्ति डीएन पटेल व न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ के समक्ष सुनवाई हुई। इसमें दिल्ली सरकार ने कहा कि वार्षिक प्री-मानसून सर्वेक्षण में आवास के लिए असुरक्षित पाए गए अस्पतालों, संस्थागत भवनों, स्कूलों और कालेजों सहित अन्य इमारतों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी। इसे लेकर 19 जून, 2020 से 18 फरवरी, 2021 के बीच मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कई बार बैठक हुई है, जिसमें तय किया गया कि सार्वजनिक उपयोग के साथ उच्च जोखिम वाली इमारतों के सुरक्षा आडिट को प्राथमिकता दी जाए। 30 वर्ष पुरानी इमारतों के लिए फिटनेस प्रमाणपत्र लेना अनिवार्य किए जाने का भी निर्णय लिया गया।

वहीं, याचिकाकर्ता ने कहा, दिल्ली में भूकंप के लिहाज से इमारतों की स्थिति खराब है। तेज भूकंप आया तो बड़े पैमाने पर यहां इमारतों को खतरा हो सकता है। इससे जानमाल के नुकसान की भी आशंका है। इस पर दिल्ली सरकार ने तीनों नगर निगमों के साथ हुई बैठक का हवाला देते हुए कहा कि निजी भवन मालिकों से कहा जाएगा कि वे इमारतों का सुरक्षा आडिट कराकर संबंधित निकाय को रिपोर्ट प्रस्तुत करें। आडिट में यदि इमारत की संरचना में कमी पाई जाती है तो मालिक को लागू मानकों के अनुसार इमारत को भूकंपरोधी बनाने का निर्देश दिया जाएगा। वहीं, दूसरे चरण में कम जोखिम वाली इमारतों, अनधिकृत कालोनियों व ग्रामीण आबादी वाले क्षेत्रों में स्थित इमारतों का आडिट कराया जाएगा।

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