International Trade Fair पर पड़ी कोरोना की काली छाया, दुनिया के मेले में इस बार दिखेंगे सिर्फ अपने

आइटीपीओ के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक एल सी गोयल ने कहा कि हमारी पूरी कोशिश है कि अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले की क्रमबद्धता न टूटे।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Wed, 05 Aug 2020 12:46 PM (IST) Updated:Wed, 05 Aug 2020 12:46 PM (IST)
International Trade Fair  पर पड़ी कोरोना की काली छाया, दुनिया के मेले में इस बार दिखेंगे सिर्फ अपने
International Trade Fair पर पड़ी कोरोना की काली छाया, दुनिया के मेले में इस बार दिखेंगे सिर्फ अपने

नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। कोरोना के लगातार बढ़ते संक्रमण ने दिल्ली पुस्तक मेले के बाद भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले को भी अपनी चपेट में ले लिया है। अब इसके आयोजन पर भी अनिश्चितता के बादल मंडराने लगे हैं। मौजूदा हालात को देखते हुए भारतीय व्यापार संवर्धन संगठन (आइटीपीओ) का विचार तो इस बार इसे विदेशी भागीदारी के बगैर ही बहुत छोटे स्तर पर करने का है। हालांकि मेला लगेगा या नहीं, इस पर आखिरी फैसला सितंबर माह में होगा।

गौरतलब है कि हर साल प्रगति मैदान में 14 से 27 नवंबर के मध्य लगने वाले अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले का इंतजार दिल्ली एनसीआर के दर्शकों या व्यापारियों को ही नहीं, देश-विदेश के कारोबारियों को रहता है। क्रम संख्या के लिहाज से इस वर्ष 40 वां मेला होना है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर की उड़ानें बंद होने और किसी भी आयोजन में शारीरिक दूरी बनाए रखने की अनिवार्यता से इस साल इस मेले के लिए स्टॉल बुकिंग तक शुरू नहीं हो पाई है।

अमूमन यह बुकिंग जून-जुलाई में ही शुरू हो जाती थी। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि प्रगति मैदान के नवीनीकरण कार्य की वजह से पिछले दो साल से यह मेला सीमित स्तर पर आयोजित हो रहा है। बावजूद इसके इसमें स्टॉल संख्या 800 और दर्शकों की संख्या छह लाख से अधिक रही है। आइटीपीओ अधिकारियों के मुताबिक फिलहाल जो हालात चल रहे हैं, उसे देखते हुए कुछ भी कह पाना मुश्किल हो गया है। हालांकि मेले की क्रमबद्धता ना टूटे, इसके मददेनजर एक वैकल्पिक प्लान अवश्य ही तैयार किया जा रहा है।

इसके तहत इस बार मेले में विदेशी भागीदारों को स्टॉल नहीं दिए जाएंगे। करीब 22 हजार वर्ग मीटर क्षेत्र में लगने वाले इस मेले में कुछ राज्यों, सरकारी विभागों और राष्ट्रीय स्तर पर चयनित चुनिंदा कारोबारियों को ही भागीदारी होगी। मेले की थीम सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्योग (एमएसएमई) रहेगी। दर्शक संख्या एक बार में एक से डेढ़ हजार तक सीमित होगी। अधिकारियों के मुताबिक अभी एक माह और कोरोना संक्रमण की रफ्तार और इसे लेकर केंद्र सरकार के रूख पर निगाह रखी जाएगी। अगर अगले माह से केंद्र सरकार कुछ और छूट देते हुए मेट्रो, हवाइ जहाज सहित अन्य आयोजनों के लिए सशर्त अनुमति दे देती है, तो ही आगे की रणनीति पर काम हो सकेगा।

आइटीपीओ के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक एल सी गोयल ने कहा कि हमारी पूरी कोशिश है कि अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले की क्रमबद्धता न टूटे। इसीलिए मेले का वैकल्पिक प्लान बना रहे हैं। लेकिन अभी पक्के तौर पर कुछ भी कह पाना बहुत मुश्किल है। मेला आयोजन को लेकर अंतिम निर्णय अगले महीने ही होगा। अगर इस बार मेला नहीं लगा तो यह निर्णय निश्चित तौर पर बहुत ही अप्रिय स्थिति में लिया जाएगा।

chat bot
आपका साथी