Delhi Riots 2020: दिल्ली दंगे पर बनी डाक्यूमेंट्री 'दिल्ली रायट्स : ए टेल आफ बर्न एंड ब्लेम' रिलीज

Delhi Riots 2020 निर्देशक कमलेश के मिश्रा ने बताया कि पिछले वर्ष 22 फरवरी की शाम को सीएए प्रदर्शनकारियों ने उत्तर पूर्वी दिल्ली की उन दो मुख्य सड़कों को जाम कर दिया था। उसे सबको दिखाने की जरूरत है। इस कारण डाक्यूमेंट्री बनाने का फैसला किया।

By JP YadavEdited By: Publish:Mon, 01 Mar 2021 09:19 AM (IST) Updated:Mon, 01 Mar 2021 09:19 AM (IST)
Delhi Riots 2020:  दिल्ली दंगे पर बनी डाक्यूमेंट्री 'दिल्ली रायट्स : ए टेल आफ बर्न एंड ब्लेम' रिलीज
उत्तर पूर्वी दिल्ली में दंगे पर बनी डाक्यूमेंट्री 'दिल्ली रायट्स : ए टेल आफ बर्न एंड ब्लेम' रिलीज हो गई।

नई दिल्ली, जागरण न्यूज नेटवर्क। 21वीं सदी में देश की राजधानी दिल्ली को सबसे बड़ा दर्द देने वाले 'दिल्ली दंगा 2020' को एक साल पूरे हो चुके हैं। एक साल पहले 24 फरवरी से उत्तर-पूर्वी दिल्ली में दंगों की शुरुआत हुई थी। इस घटना ने दिल्ली को शर्मसार किया है। इस बीच पिछले साल फरवरी में उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगे पर बनी डाक्यूमेंट्री 'दिल्ली रायट्स : ए टेल आफ बर्न एंड ब्लेम' रिलीज हो गई है। इसे दंगे की पहली बरसी पर 23 फरवरी को ओवर-द-टाप (ओटीटी) प्लेटफार्म वूट पर रिलीज किया गया। इसका निर्देशन फिल्मकार कमलेश के मिश्रा ने किया है। इस तरह के संवेदनशील मुद्दे पर डाक्यूमेंट्री बनाने के लिए उन्हें किसने प्रेरित किया था, इस बारे में निर्देशक कमलेश के मिश्रा ने बताया कि पिछले वर्ष 22 फरवरी की शाम को सीएए प्रदर्शनकारियों ने उत्तर पूर्वी दिल्ली की उन दो मुख्य सड़कों को जाम कर दिया था, जो इस क्षेत्र को दिल्ली के अन्य हिस्सों से जोड़ती हैं। उसके बाद हिंसा हुई। उस हिंसा में लोग मर रहे थे और लोग केवल इस बारे में चिंतित थे कि यह किसने किया। मैंने महसूस किया कि दंगे में अपने प्रियजनों को खोने का लोगों को जो दुख हुआ, उसे सबको दिखाने की जरूरत है। इस कारण डाक्यूमेंट्री बनाने का फैसला किया।

उन्होंने बताया कि डाक्यूमेंट्री बनाने के लिए दस्तावेजों का अध्ययन किया। यहां तक कि पुलिस से भी मिले। यह जाना कि दंगे के लिए हथियार कैसे बनाए गए थे। इस डाक्यूमेंट्री में दंगे के दौरान की वास्तविक तस्वीरों और चश्मदीदों के कथन के जरिये वो सब दिखाने का प्रयास किया गया है, जिसकी वजह से हिंसा हुई और 53 लोग मारे गए। कमलेश के मिश्रा ने बताया कि वह डाक्यूमेंट्री के जरिये बताना चाहते हैं कि इस तरह की बर्बरता और हिंसा मानवता पर एक सवाल है। बता दें कि कमलेश के मिश्रा ने फिल्म 'मधुबनी' की कहानी लिखी थी और उसका निर्देशन किया था। उस फिल्म को राष्ट्रीय पुरस्कार मिला था।

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