दिमाग से नहीं, दिल से कहानी सुनाएं, IIMC में बोले फिल्म निदेशक सुभाष घई

विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए घई ने कहा कि लगभग 3500 साल पहले वेद उपनिषद रामायण और महाभारत लिखे गए। उस समय में बड़े-बड़े कवि और लेखक भी हुए। उन्होंने अपने जीवन से जो सीखा वो कविता नाटक और मंत्रों के द्वारा लोगों तक पहुंचाया।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Tue, 24 Nov 2020 05:47 PM (IST) Updated:Tue, 24 Nov 2020 05:47 PM (IST)
दिमाग से नहीं, दिल से कहानी सुनाएं, IIMC में बोले फिल्म निदेशक सुभाष घई
फिल्म निर्माता और निर्देशक सुभाष घईः जागरण

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। सिनेमा हो या मीडिया, आप कहानी दिमाग से नहीं, दिल से सुनाएं। जब आप दिल से कहानी सुनाएंगे, तभी आप एक अच्छे संवादकर्ता (कम्यूनिकेटर) बन पाएंगे। यह विचार फिल्म निर्माता और निर्देशक सुभाष घई ने मंगलवार को भारतीय जन संचार संस्थान (आइआइएमसी) के सत्रारंभ समारोह के दूसरे दिन व्यक्त किए।

विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए घई ने कहा कि लगभग 3500 साल पहले वेद, उपनिषद, रामायण और महाभारत लिखे गए। उस समय में बड़े-बड़े कवि और लेखक भी हुए। उन्होंने अपने जीवन से जो सीखा, वो कविता, नाटक और मंत्रों के द्वारा लोगों तक पहुंचाया। उन्होंने भाषण नहीं लिखे, बल्कि लोगों को समझ में आने वाला कंटेट लिखा।

निष्पक्ष पत्रकारिता पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि जैसे दुकानदार बनने के लिए ग्राहक को पहचानना पड़ता है, उसी तरह पत्रकार को भी खबर लिखने से पहले समाज को पहचानना चाहिये। दूसरों को पहचानने के लिए स्वयं को पहचानना बेहद आवश्यक है और इसके लिए आपको खुद का शिक्षक बनना पड़ेगा। कार्यक्रम के अंतिम सत्र में भारत में कृषि क्षेत्र की संभावनाएं और चुनौतियां विषय पर गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर भगवती प्रकाश शर्मा और चेन्नई स्थित सेंटर फॉर पॉलिसी स्टडीज के निदेशक डॉ जेके बजाज ने विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया। समारोह के तीसरे दिन बुधवार को हांगकांग बैपटिस्ट यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर दया थुस्सु, अमेरिका की हार्टफर्ड यूनिसर्विटी के प्रोफेसर संदीप मुप्पिदी, इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस के एसोसिएट डीन प्रोफेसर सिद्धार्थ शेखर सिंह और उद्यमी आदित्य झा विद्यार्थियों से रूबरू होंगे।

ऑनलाइन आयोजित होगी रंगोत्सव प्रतियोगिता

वहीं, कोरोना महामारी के चलते इस साल रंगोत्सव प्रतियोगिता ऑनलाइन ही आयोजित की जाएगी। समग्र शिक्षा विभाग ने इस संबंध में परिपत्र जारी करते हुए कहा कि दिल्ली के सभी सरकारी, नगर निगम, कैंटोनमेंट बोर्ड, एनडीएमसी स्कूलों में कक्षा पहली से आठवीं तक के विद्यार्थियों के लिए यह प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी। चूंकि इस साल कोरोना महामारी के चलते स्कूल बंद हैं ऐसे में ये प्रतियोगिता सबसे पहले स्कूल स्तर पर ऑनलाइन माध्यम से आयोजित होगी। उसके बाद क्लस्टर स्तर पर यह प्रतियोगिता जनवरी के पहले सप्ताह में आयोजित होगी।

प्रतियोगिता के जरिए छात्र विभिन्न गतिविधियों में हिस्सा लेंगे। छात्रों को इन गतिविधियों का प्रशिक्षण देने के लिए विभिन्न ऑनलाइन साइट से वीडियों की लिंक स्कूलों के शिक्षकों के साथ साझा की जाएगी। ये वीडियों रंगोत्सव की जुड़ी गतिविधियों से कम से कम दो सप्ताह पहले साझा किया जाएगा ताकि छात्र बेहतर तरीके से प्रशिक्षण लेकर अच्छा प्रदर्शन कर सकें।

Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो

chat bot
आपका साथी