Fertiliser Scam: ईडी डायरेक्टर बताएं किसी गिरफ्तार व्यक्ति को कैसे देते हैं गिरफ्तारी की सूचना: हाई कोर्ट

पीठ ने साथ ही ईडी की याचिका पर अमरेंद्र सिंह को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। ईडी ने 15 जुलाई को सूचना रिपोर्ट की प्रति अमरेंद्र धारी सिंह को उपलब्ध कराने के निचली अदालत के आदेश को रद करने की मांग भी की है।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Sun, 25 Jul 2021 03:34 PM (IST) Updated:Sun, 25 Jul 2021 03:36 PM (IST)
Fertiliser Scam: ईडी डायरेक्टर बताएं किसी गिरफ्तार व्यक्ति को कैसे देते हैं गिरफ्तारी की सूचना: हाई कोर्ट
कोर्ट ने एजेंसी द्वारा की गई जांच में प्रवर्तन मामले की सूचना रिपोर्ट की स्थिति भी पेश करने को कहा

नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। दिल्ली हाई कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की एक चुनौती याचिका पर ईडी के निदेशक को यह बताने को कहा है कि किसी व्यक्ति को उसकी गिरफ्तारी के आधार की जानकारी कैसे दी जाती है? न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता की पीठ ने साथ ही प्रवर्तन मामले में एजेंसी द्वारा की गई जांच की सूचना रिपोर्ट पेश करने को भी कहा। अदालत खाद घोटाला के मनी लांड्रिंग के मामले में आरोपित राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के राज्यसभा सदस्य अमरेंद्र धारी सिंह को सूचना रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निचली अदालत के आदेश को चुनौती देने वाली ईडी की याचिका पर सुनवाई कर रही है।

पीठ ने साथ ही ईडी की याचिका पर अमरेंद्र सिंह को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। ईडी ने 15 जुलाई को सूचना रिपोर्ट की प्रति अमरेंद्र धारी सिंह को उपलब्ध कराने के निचली अदालत के आदेश को रद करने की मांग भी की है।

पीठ ने कहा कि ईडी को हलफनामे में यह भी बताना होगा कि एक बार किसी व्यक्ति की गिरफ्तारी के बाद शीर्ष न्यायालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार गिरफ्तार व्यक्ति को गिरफ्तारी का आधार कैसे बताया जाता है।

सुनवाई के दौरान ईडी की तरफ से पेश हुए एडिशनल सालिसिटर जनरल (एएसजी) एसवी राजू ने दलील दिया कि सीआरपीसी के तहत निचली अदालत के विशेष न्यायाधीश के पास प्रवर्तन मामलों की सूचना रिपोर्ट की प्रति की आपूर्ति के लिए एजेंसी को निर्देश पारित करने के लिए कोई विशेष शक्ति नहीं है। इतना ही नहीं सिंह के पास सूचना रिपोर्ट की प्रति मांगने का कोई अधिकार नहीं है क्योंकि ईडी शिकायत दर्ज करने के लिए बाध्य है और जब तक समन जारी नहीं किया जाता है तब तक अमरेंद्र सिंह न तो कार्यवाही में हस्तक्षेप कर सकते हैं और न ही कोई दस्तावेज नहीं मांग सकते हैं। वहीं, पीठ ने सवाल उठाया कि जब मनी लांड्रिंग के तहत पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है तो उन्हें लिखित में गिरफ्तारी के आधार के बारे में कैसे बताया गया।

इसके जवाब में एएसजी ने कहा कि गिरफ्तारी के आधार सिंह को विधिवत सूचित कर दिए गए हैं। हालांकि, इस संबंधित दस्तावेज को रिकार्ड पर नहीं रखा जा सकता है। उन्होंने दलील दी कि गिरफ्तारी के आधार को निचली अदालत को दिखाया गया था और रिमांड देते समय अदालत ने इसे भौतिक रूप से देखा था। ईडी ने अमरेंद्र धारी सिंह को मनी लांड्रिंग मामले में दो जून को गिरफ्तार कया था। फिलहाल वह न्यायिक हिरासत में है।

पूरा मामला इफको और इंडिया पोटाश लिमिटेड (आइपीएल) से जुड़े एक कथित खाद्य घोटाले से संबंधित है। इस मामले में सीबीआइ ने पिछले महीने भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया था। अमरेंद्र सिंह इस मामले से जुड़ी फर्म ज्योति ट्रेडिंग कारपोरेशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष बताया जा रहा है।

chat bot
आपका साथी