Farmers Protest: संयुक्त किसान मोर्चा के फैसले पर योगेन्द्र यादव का बड़ा बयान, जानिए कैसे छलका दर्द

योगेंद्र यादव ने कहा कि लखीमपुर खीरी में चार शहीद किसानों और एक पत्रकार की श्रद्धांजलि सभा में भाग लेने के बाद मैं उसी घटना में मृतक बीजेपी कार्यकर्ता शुभम मिश्रा के घर गया था उनकी शान में नहीं बल्कि उनके परिवार से शोक संवेदना व्यक्त करने के लिए।

By Prateek KumarEdited By: Publish:Fri, 22 Oct 2021 06:27 PM (IST) Updated:Fri, 22 Oct 2021 06:27 PM (IST)
Farmers Protest: संयुक्त किसान मोर्चा के फैसले पर योगेन्द्र यादव का बड़ा बयान, जानिए कैसे छलका दर्द
किसान आंदोलन के नेता योगेंद्र यादव। फाइल फोटो।

नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। किसान आंदोलन में संयुक्त किसान मोर्चा ने योगेंद्र यादव पर कड़ा एक्शन लिया है। उन्हें एक महीने के लिए निलंबित कर दिया गया है। इस पर योगेंद्र यादव ने अपनी बात रखते हुए दर्द बयां किया है। उन्होंने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में पिछले 11 महीने से किसान विरोधी बीजेपी सरकार द्वारा थोपे काले कानूनों के विरुद्ध चल रहा आंदोलन देश के लिए आशा की एक किरण बनकर आया है। इस ऐतिहासिक आंदोलन की एकता और इसकी सामूहिक निर्णय प्रक्रिया को बनाए रखना आज के वक्त की सबसे बड़ी जरूरत है।

शोक संवेदना व्यक्त करने के लिए गया था शुभम मिश्रा के घर

लखीमपुर खीरी में चार शहीद किसानों और एक पत्रकार की श्रद्धांजलि सभा में भाग लेने के बाद मैं उसी घटना में मृतक बीजेपी कार्यकर्ता शुभम मिश्रा के घर गया था, उनकी शान में नहीं बल्कि उनके परिवार से शोक संवेदना व्यक्त करने के लिए। अपने विरोधियों के भी दुख में शरीक होना इंसानियत और भारतीय संस्कृति के अनुरूप है। मेरी यह समझ रही है कि मानवीय संवेदना की सार्वजनिक अभिव्यक्ति से कोई भी आंदोलन कमजोर नहीं बल्कि मजबूत होता है। जाहिर है आंदोलन में हर साथी इस राय से सहमत नहीं हो सकता और मेरी उम्मीद है कि इस सवाल पर एक सार्थक संवाद शुरू हो सकेगा।

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आंदोलन में व्यक्तिगत समझ से ऊपर होती है सामूहिक राय

किसी भी आंदोलन में व्यक्तिगत समझ से ऊपर होती है सामूहिक राय। मुझे खेद है कि यह निर्णय लेने से पहले मैंने संयुक्त किसान मोर्चा के अन्य साथियों से बात नहीं की। मुझे इस बात का भी दुख और खेद है कि इस खबर से किसान आंदोलन में जुड़े अनेक साथियों को ठेस पहुंची। मैं संयुक्त किसान मोर्चा की सामूहिक निर्णय प्रक्रिया का सम्मान करता हूं और इस प्रक्रिया के तहत दी गई सजा को सहर्ष स्वीकार करता हूं। इस ऐतिहासिक किसान आंदोलन की सफलता के लिए मैं पहले से भी ज्यादा लगन से काम करता रहूंगा। आखिरी में उन्होंने जय किसान आंदोलन कह कर अपनी बात खत्म की।

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