Farmers Protest : किसानों के आइटी सेल के कनाडा कनेक्शन से सुरक्षा एजेंसी चौकस

कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलनरत किसानों के आइटी सेल का सर्वर कनाडा में होने से सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं। दरअसल सिख फार जस्टिस के मुखिया व राष्ट्र विरोधी गतिविधियों का संचालन कर रहे गुरपतवंत सिंह पन्नू का ठिकाना भी कनाडा में है।

By Prateek KumarEdited By: Publish:Sun, 17 Jan 2021 06:45 AM (IST) Updated:Sun, 17 Jan 2021 11:08 AM (IST)
Farmers Protest : किसानों के आइटी सेल के कनाडा कनेक्शन से सुरक्षा एजेंसी चौकस
कनाडा में ही है सिख फार जस्टिस का प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू।

नई दिल्‍ली,सोनीपत, जागरण संवाददाता। कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलनरत किसानों के आइटी सेल का सर्वर कनाडा में होने से सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं। दरअसल सिख फार जस्टिस के मुखिया व राष्ट्र विरोधी गतिविधियों का संचालन कर रहे गुरपतवंत सिंह पन्नू का ठिकाना भी कनाडा में है। ऐसे में दोनों के संपर्क को तलाशा जा रहा है। केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियां जिला पुलिस के साथ मिलकर नजर रखे हुए हैं। हाल ही में देशद्रोही संगठन सिख फार जस्टिस के तीन सक्रिय लोग भी गिरफ्तार किए गए हैं।

देशद्रोही गतिविधियों में लिप्त मोहम्मद विकास को पिछले महीने दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया था। वह दुबई और पाकिस्तान में कई महीने रहकर आया था। मोहम्मद विकास ने बताया था कि वह सिख फार जस्टिस के लिए काम करता है। वह कनाडा में रह रहे संगठन के प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू के लगातार संपर्क में रहा है। पुलिस ने उसके साथ काम करने वाले धोबीवाड़ा के विपुल जैन और पानीपत के पुनीत को गिरफ्तार किया था। इनसे पूछताछ में सुरक्षा एजेंसियों को कई महत्वपूर्ण जानकारियां मिली थीं।

मोहम्मद विकास से किसान आंदोलन के संदर्भ में भी पूछताछ की गई थी। बता दें कि सिख फार जस्टिस के प्रमुख पन्नू ने पिछले दिनों किसान आंदोलन को सही ठहराते हुए कई देश विरोधी बयान दिए थे। सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि वह कनाडा में रहकर ही देश में कई लोगों के संपर्क में है। ऐसे में उसके गुर्गे व समर्थक कई तरह से लोगों के बीच पहुंचकर देश विरोधी माहौल बनाने का प्रयास कर रहे हैं। ऐसे में किसानों के आइटी सेल का मुख्यालय कनाडा में होना महज इत्तेफाक भी हो सकता है, लेकिन इसको लेकर एजेंसी सतर्क हैं।

सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, अभी तक कोई ऐसी पोस्ट सार्वजनिक नहीं हुई है, उसके बावजूद प्रत्येक पोस्ट पर नजर रखी जा रही है। सुरक्षा एजेंसियों का मानना यह है कि किसानों के भोलेपन का फायदा कोई देश विरोधी संगठन न उठा ले।

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