सरकारी लापरवाही से किसान नाराज, विरोध प्रदर्शन कर कहा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर नहीं हो खरीदारी

दिल्‍ली में भारतीय किसान यूनियन की ओर से विरोध प्रदर्शन किया गया। विरोध प्रदर्शन के मुख्य मुद्दों में रावता गांव के खेत में नजफगढ़ झील का फैला पानी केंद्र सरकार द्वारा तय न्यूनतम समर्थन मूल्य पर पिछले चार वर्षों से खरीद न होना सहित अनेक बातें शामिल थी।

By Prateek KumarEdited By: Publish:Fri, 25 Sep 2020 11:00 PM (IST) Updated:Sat, 26 Sep 2020 07:26 AM (IST)
सरकारी लापरवाही से किसान नाराज, विरोध प्रदर्शन कर कहा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर नहीं हो खरीदारी
सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए किसान। फोटो- जागरण।

नई दिल्ली, गौतम मिश्रा। दिल्ली देहात में खेती- किसानी से जुड़ी समस्याओं के विरोध में भारतीय किसान यूनियन (दिल्ली प्रदेश) की ओर से विरोध प्रदर्शन किया गया। विरोध प्रदर्शन के मुख्य मुद्दों में रावता गांव के खेत में नजफगढ़ झील का फैला पानी, केंद्र सरकार द्वारा तय न्यूनतम समर्थन मूल्य पर पिछले चार वर्षों से खरीद न होना सहित अनेक बातें शामिल थी। रावता गांव से शुरू हुआ प्रदर्शन अनेक गांवों से होकर गुजरा। अंत में दक्षिणी पश्चिमी जिला उपायुक्त को भारतीय किसान यूनियन की ओर से ज्ञापन सौंपकर इन मुद्दों पर शीघ्र हस्तक्षेप की मांग की गई। उपायुक्त के माध्यम से यह ज्ञापन उपराज्यपाल व मुख्यमंत्री को भी सौंपा गया।

सुबह से ही रावता गांव में विभिन्न गांवों से आए किसानों के एकत्रित होने का सिलसिला शुरू हो गया था। करीब 11 बजे किसान ट्रैक्टर व अन्य वाहनों में सवार होकर कापसहेड़ा की ओर निकल पड़े। प्रदर्शन के दौरान शारीरिक दूरी को लेकर विशेष सतर्कता बरती जा रही थी। रावता के बाद किसान झुलझुली पहुंचे। इसके बाद जैसे ही किसान घुम्मनहेड़ा पहुंचे, पुलिस ने इन्हें रोक लिया। किसान कापसहेड़ा जाने की जिद करते रहे। काफी समझाने बुझाने के बाद पुलिस ने तय किया गया कि किसानों के पांच प्रतिनिधियों को कापसहेड़ा स्थित उपायुक्त कार्यालय लेकर जाया जाएगा। जहां इनकी मुलाकात उपायुक्त से कराई जाएगी। किसान इस पर राजी हो गए।

इसके बाद पांच प्रतिनिधियों का दल कापसहेड़ा पहुंचा। भारतीय किसान यूनियन के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह डागर की अगुवाई में यहां उपायुक्त राहुल सिंह को सभी ने खेतीबाड़ी से जुड़ी समस्याओं से अवगत कराया। उन्हें बताया गया कि रावता गांव में सैकड़ों एकड़ खेत करीब दो दशक से नजफगढ़ झील के फैले पानी में डूब जाते हैं। किसान अब इन खेतों में कोई भी फसल नहीं लगा सकता है।

खेतीबाड़ी न कर सकने के कारण ये जरूरत का अनाज भी खरीदने को मजबूर हैं। किसानों ने कहा कि नजफगढ़ झील का पानी खेत में नहीं पहुंचे, इसके लिए सरकार को गंभीरता पूर्वक प्रयास करने होंगे। इनकी मांग थी कि जिन किसानों के खेत डूबे हैं, उन्हें सरकार की ओर से मुआवजा भी दिया जाए। पिछले चार वर्षों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरकारी एजेंसियों की ओर से उपज की खरीद नहीं किए जाने का मुद्दा भी उठा।

किसानों की मांग थी कि सरकार की ओर से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अनाज की खरीद शीघ्रता से शुरू की जानी चाहिए। प्रदर्शन में शामिल किसानों में राज सिंह, विजय डागर, मुकेश खर्ब, ईश्वर थानेदार, वीरेंद्र टोकस, अनिल कुमार, धर्मेंद्र सहित अनेक व्यक्ति शामिल थे।

Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो

chat bot
आपका साथी