Farmer Protests : राजनीतिक पार्टियों से दूरी बनाए रखेंगे किसान आंदोनकारी

Farmer Protests रविवार को सिंघु बॉर्डर पर आयोजित प्रेसवार्ता में भारतीय किसान यूनियन क्रांतिकारी पंजाब के अध्यक्ष सुरजीत सिंह फुल ने कहा कि उन्होंने फैसला किया है कि किसानों के मंच से किसी भी राजनीतिक पार्टी के नेता को बोलने का मौका नहीं दिया जाएगा।

By JP YadavEdited By: Publish:Mon, 30 Nov 2020 09:59 AM (IST) Updated:Mon, 30 Nov 2020 10:00 AM (IST)
Farmer Protests : राजनीतिक पार्टियों से दूरी बनाए रखेंगे किसान आंदोनकारी
किसानों का मंच राजनीतिक पार्टी के लिए नहीं है।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। केंद्रीय कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान संगठनों ने एलान किया है कि उनका मंच राजनीतिक पार्टी के लिए नहीं है। रविवार को सिंघु बॉर्डर पर आयोजित प्रेसवार्ता में भारतीय किसान यूनियन क्रांतिकारी पंजाब के अध्यक्ष सुरजीत सिंह फुल ने कहा कि उन्होंने फैसला किया है कि किसानों के मंच से किसी भी राजनीतिक पार्टी के नेता को बोलने का मौका नहीं दिया जाएगा। चाहे वह कांग्रेस का हो या किसी अन्य पार्टी का। उन्होंने प्रदर्शन के दौरान कवरेज करने पहुंचे उन मीडिया कर्मियों से माफी भी मांगी, जिनसे किसानों ने र्दुव्‍यवहार करते हुए मोबाइल छीन लिया था।

‘संत निरंकारी मैदान को बना दिया है ओपन जेल’

सुरजीत सिंह फुल ने कहा कि उन्हें पता चला है कि सरकार ने संत निरंकारी मैदान को ओपन जेल बना दिया है। वह ओपन जेल में जाने के बजाय दिल्ली की चारों तरफ से घेराबंदी करेंगे।

उन्होंने कहा, संत निरंकारी मैदान से किसानों को वापस बॉर्डर पर लाया जाएगा। हालांकि, देर रात तक एक भी किसान मैदान से वापस नहीं आया था। उन्होंने कहा कि अगर सरकार बिना शर्त के उनसे मिलना चाहती है तो वे बात करने को तैयार हैं।

गांवों के रास्ते दिल्ली में घुसे किसान

किसानों ने रविवार को हरियाणा से सटे गांवों के रास्ते दिल्ली में प्रवेश कर लिया। शाम को पंजाब के अमृतसर से आया किसानों का जत्था सोनीपत से होते हुए हरियाणा की सीमा से सटे दिल्ली के गांवों में घुस गया। ट्रैक्टरों का यह बेड़ा इतनी आसानी से दिल्ली में प्रवेश कर गया कि किसी को भनक भी नहीं लगी।

संत निरंकारी मैदान में किसानों ने निकाला मार्च

संत निरंकारी मैदान में रविवार को किसानों ने पैदल मार्च निकाल केंद्र के खिलाफ नारेबाजी की। उन्होंने मैदान के चारों ओर भ्रमण किया और फिर बैठक की। उन्होंने कहा कि नए कृषि कानून किसान विरोधी हैं। किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद की गारंटी सुनिश्चित हो। वहीं उत्तर प्रदेश के किसानों के साथ आये भारतीय किसान मजदूर संगठन के अध्यक्ष बीएम सिंह ने भी कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की।

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