इतनी मारामारी के बाद निजी अस्पतालों में आक्सीजन प्लांट लगाना तो दूर उसकी कार्ययोजना भी तैयार नहीं हो पाई है, पढ़िए क्या है पूरा मामला
कोरोना की दूसरी लहर में आक्सीजन की कमी के कारण दिल्ली में मचे कोहराम के बाद सरकार जागी है। यही वजह है कि अब तक केंद्र व दिल्ली सरकार के करीब डेढ़ दर्जन अस्पतालों में आक्सीजन प्लांट लग चुके हैं अस्पतालों में प्लांट लगाने की प्रक्रिया चल रही है।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। कोरोना की दूसरी लहर में आक्सीजन की कमी के कारण दिल्ली में मचे कोहराम के बाद सरकार जागी है। यही वजह है कि अब तक केंद्र व दिल्ली सरकार के करीब डेढ़ दर्जन अस्पतालों में आक्सीजन प्लांट लग चुके हैं व कई अस्पतालों में प्लांट लगाने की प्रक्रिया चल रही है। हैरानी की बात यह है कि निजी अस्पताल अभी नहीं चेते हैं। यही वजह है कि हाई कोर्ट व दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय के आदेश के बावजूद ज्यादातर निजी अस्पतालों में आक्सीजन प्लांट लगाना तो दूर उसकी कार्ययोजना भी तैयार नहीं हो पाई है।
लिहाजा, महानिदेशालय ने आठ जून को दोबारा आदेश जारी करते हुए कार्रवाई करने की चेतावनी दी है। महानिदेशालय ने 28 मई को अस्पतालों को बेड क्षमता के अनुसार आक्सीजन की सुविधा विकसित करने व पीएसए (प्रेशर स्विंग एडसार्प्शन) प्लांट लगाने का आदेश दिया। आदेश में यह भी कहा गया है कि सभी अस्पताल सामान्य दिनों में अपनी जरूरत से दोगुना आक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए बुनियादी ढांचा विकसित करें। 50 बेड से कम क्षमता वाले नर्सिंग होम को भी सुविधाएं बढ़ाने का निर्देश दिया गया है। इस पर कार्ययोजना तैयार कर एक सप्ताह में महानिदेशालय को सूचित करना था। फिर भी ज्यादातर अस्पतालों से जवाब नहीं मिलने पर महानिदेशालय ने दोबारा आदेश जारी कर रिपोर्ट मांगी है।
इसके बाद निजी अस्पताल आक्सीजन प्लांट लगाने की तैयारी में जुटे हैं। दिल्ली में करीब 45 निजी अस्पताल हैं जिसकी बेड क्षमता 100 से 700 के बीच है। इसके अलावा 70 अस्पतालों में बेड क्षमता करीब 50 से 100 के बीच है। इस तरह करीब 115 निजी अस्पतालों को पीएसए प्लांट लगाने के लिए कहा गया है। अब तक करीब चार बड़े अस्पतालों में प्लांट लगे हैं।
चिकित्सा निदेशकों के बयान
आक्सीजन प्लांट लगाने के लिए कई कंपनियों से बात चल रही है। अस्पताल की जरूरत के हिसाब से यह चयन किया जाएगा कि कितनी क्षमता का प्लांट लगाना है। दो से तीन माह में आक्सीजन प्लांट लग जाएगा।- डा. डीके भलूजा, चिकित्सा निदेशक,
जयपुर गोल्डन अस्पतालआक्सीजन प्लांट लगाने की प्रक्रिया चल रही है। इसमें एक माह का वक्त लगेगा। डा. एससीएल गुप्ता, चिकित्सा निदेशक, बत्रा अस्पताल सरकारी अस्पताल
जहां आक्सीजन प्लांट लगे
एम्स
सफदरजंग अस्पताल
आरएमएल अस्पताल
लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज
संजय गांधी स्मारक अस्पताल
सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र अस्पताल
अंबेडकर अस्पताल
राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी
डीडीयू आचार्य
श्री भिक्षु अस्पताल
दादा देव मातृ एवं शिशु चिकित्सालय
ईएसआइसी अस्पताल झिलमिल
दादा देव मातृ एवं शिशु चिकित्सालय
मदन मोहन मालवीय नगर अस्पताल
अंबेडकर नगर अस्पताल
इन अस्पतालों में प्लांट लगाने का काम जारी
जनकपुरी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल
ईएसआइसी अस्पताल
बसई दारापुर दिल्ली छावनी अस्पताल
नगर निगम के अस्पताल जहां लगाए जा रहे हैं प्लांट
हिंदूराव अस्पताल,
बालकराम अस्पताल,
कस्तूरबा गांधी अस्पताल,
गिरधारी लाल अस्पताल,
राजन बाबू टीबी अस्पताल,
महर्षि वाल्मीकि संक्रामक रोग अस्पताल,
तिलक नगर व पूर्णिमा सेठी अस्पताल।
निजी अस्पताल जहां लग चुके हैं प्लांट
बीएलके धर्मशीला नारायणा अस्पताल
महाराजा अग्रसेन अस्पताल
पंजाबी बाग
अपोलो
बड़े निजी अस्पताल जहां लगाए जा रहे हैं प्लांट
मैक्स साकेत
वेंकटेश्वर अस्पताल द्वारका
बड़े अस्पताल जहां अब तक नहीं लगे प्लांट
गंगाराम अस्पताल
जयपुर गोल्डन
बत्रा अस्पताल
मैक्स शालीमार बाग
मैक्स पटपड़गंज
फोर्टिस ओखला फोर्टिस
वसंत कुंज फोर्टिस
शालीमार बाग मणिपाल अस्पताल
मूलचंद अस्पताल
मधुकर रैनबो अस्पताल विम्हंस