नौकरी का झांसा देकर ठगी, पुलिस ने चार लोगों को किया गिरफ्तार

Delhi Crime केंद्रीय श्रम मंत्रलय में नौकरी दिलाने का झांसा देकर लाखों रुपये ठगने करने वाले एक गिरोह का पुलिस ने पर्दाफाश किया है। गिरोह में शामिल सभी आरोपितों की उम्र 21 से 26 वर्ष के बीच है।

By Prateek KumarEdited By: Publish:Sat, 17 Apr 2021 03:58 PM (IST) Updated:Sat, 17 Apr 2021 03:58 PM (IST)
नौकरी का झांसा देकर ठगी, पुलिस ने चार लोगों को किया गिरफ्तार
युवती की शिकायत पर पुलिस ने पकड़ा

नई दिल्ली [जागरण संवाददाता]। केंद्रीय श्रम मंत्रलय में नौकरी दिलाने का झांसा देकर लाखों रुपये ठगने करने वाले एक गिरोह का पुलिस ने पर्दाफाश किया है। गिरोह में शामिल सभी आरोपितों की उम्र 21 से 26 वर्ष के बीच है। गिरोह का सरगना राहुल श्रीवास्तव 12वीं तक पढ़ा है और सैकड़ों युवाओं को नौकरी दिलाने के नाम पर ठग चुका है।

नई दिल्ली जिले के डीसीपी ईश सिंघल ने बताया कि मूलरूप से तमिलनाडु की रहने वाली नलिनी नाची ने 27 मार्च को संसद मार्ग थाने में शिकायत दी थी कि श्रम मंत्रालय में नौकरी दिलाने के नाम पर उससे 3.45 लाख रुपये ठगे गए हैं। शिकायत में कहा गया था कि कुछ दिनों पहले उसके पास दीक्षित राज नामक व्यक्ति का फोन आया था। उसने कहा कि श्रम मंत्रालय ने उसे भर्ती करने का जिम्मा सौंपा है।

इसके बाद उसने नलिनी से साक्षात्कार, कागजात की जांच कराने व नियुक्ति पत्र देने के नाम पर पैसे ठगे। एसीपी दिनेश कुमार के देखरेख में एक जांच टीम गठित की गई। टीम ने आरोपित के फोन नंबर की जांच की तो पता चला कि नंबर अजरुन गिल के नाम से पंजीकृत है। जब पुलिस ने अजरुन को पकड़ा तो पता चला कि वह गिरोह के सरगना राहुल श्रीवास्तव का कार चालक है। उससे मिली जानकारी के आधार पर गुरुग्राम से राहुल को गिरफ्तार किया गया। आरोपित से पता चला कि उसने सितंबर 2019 से अक्टूबर 2020 तक 78 लाख से अधिक धोखाधड़ी की। पूछताछ में दो और आरोपित जावेद और मनीष के बारे में जानकारी मिली। इन दोनों को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।

जॉब पोर्टल से निकाले थे पीड़ितों के नंबर

पूछताछ में पता चला कि आरोपित राहुल ने नौकरी दिलाने वाले पोर्टल से पीड़ितों के नंबर निकाले थे। उसने श्रम मंत्रलय के नंबर का भी फर्जीवाड़े में उपयोग किया था।

chat bot
आपका साथी