Delhi Black Fungus ALERT! दिल्ली में बढ़ रहे ब्लैक फंगस के मामले, अस्पतालों में 150 मरीज भर्ती; 5 की करनी पड़ी सर्जरी

Delhi Black Fungus ALERT! ब्लैक फंगस के मरीजों का इलाज कर रहे ईएनटी सर्जन डाक्टर अमित किशोर ने बताया कि पिछले हफ्ते में उन्होंने 10 मरीजों का इलाज किया है। इसमें से पांच की सर्जरी की गई। उन्होंने बताया कि एक मरीज की साइनस और आंख की सर्जरी की गई।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Tue, 18 May 2021 09:29 PM (IST) Updated:Wed, 19 May 2021 07:01 AM (IST)
Delhi Black Fungus ALERT! दिल्ली में बढ़ रहे ब्लैक फंगस के मामले, अस्पतालों में 150 मरीज भर्ती; 5 की करनी पड़ी सर्जरी
यह खून की नलियों में पहुंचने के बाद रक्त के प्रवाह को रोक देता है।

नई दिल्ली [राहुल चौहान]। म्यूकोरमाइकोसिस (ब्लैक फंगस) के मामले दिल्ली में बढ़ते जा रहे हैं। विभिन्न अस्पतालों में अब तक करीब 150 मामले सामने आ चुके हैं। कई मरीजों के लिए यह अधिक घातक साबित हो रहा है। अपोलो अस्पताल में ब्लैक फंगस के एक मामले में मरीज की आंख तक निकालनी पड़ी है। जानकारी के मुताबिक अपोलो में अभी तक 10 मरीजों का इलाज किया जा चुका है। अपोलो में ब्लैक फंगस के मरीजों का इलाज कर रहे ईएनटी सर्जन डाक्टर अमित किशोर ने बताया कि पिछले एक हफ्ते में उन्होंने 10 मरीजों का इलाज किया है। इसमें से पांच की सर्जरी की गई। उन्होंने बताया कि पांच में से चार की साइनस की सर्जरी की गई और एक मरीज की साइनस और आंख की सर्जरी की गई। एक मरीज की आंख निकालनी पड़ी। उन्होंने कहा कि इस संक्रमण से ऊतक (टिशू) खराब होकर काला पड़ जाता है।

ऐसी स्थिति में इलाज का असर नहीं होता है। उस ऊतक को निकालना पड़ता है। ऊतक के सड़ जाने से हड्डी और मांस गलने लगता है। यह खून की नलियों में पहुंचने के बाद रक्त के प्रवाह को रोक देता है। ऐसी स्थिति में सर्जरी की नौबत आती है।

मरीजों की बात करें तो एम्स में अब तक 23 मामले सामने आ चुके हैं। वहीं, गंगाराम अस्पताल व बीएलके सुपर स्पेशलिटी सहित अन्य अस्पतालों में भी ब्लैक फंगस के कई मरीज भर्ती हैं। डाक्टर के मुताबिक बीमारी इतनी गंभीर है कि समय पर इलाज न होने पर यह नाक और जबड़े की हड्डी तक को गला देती है। आंखों की रोशनी चली जाती है। हालांकि समय पर इलाज मिलने पर बहुत हद तक इससे बाहर निकला जा सकता है। जो मरीज कोविड के साथ डायबिटिक भी हैं, जिनका इम्यून सिस्टम कमजोर है, ऐसे लोगों में संक्रमण का खतरा ज्यादा है।

बाजार में नहीं मिल रहे ब्लैक फंगस के इंजेक्शन

बीएलके सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में भर्ती ब्लैक फंगस की बीमारी से पीड़ित राजेश्वर प्रसाद के बेटे राहुल ने बताया कि उन्होंने अपने पिता को रविवार रात को भर्ती कराया था। भर्ती करने से पहले अस्पताल प्रबंधन ने उन्हें साफ कहा था कि उनके पास ब्लैक फंगस के इलाज के लिए लाइपोजोमल एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन नहीं है। उन्हें खुद इंजेक्शन की व्यवस्था करनी पड़ेगी। राहुल ने बताया कि काफी मशक्कत के बाद उन्हें एमआरपी से करीब दोगुनी कीमत पर इंजेक्शन मिले। अभी तक वह करीब 64 हजार रुपये में चार इंजेक्शन खरीद चुके हैं। अभी और इंजेक्शन की जरूरत है।

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