Corona vaccine: दिल्ली में टीकाकरण की रफ्तार घटने से विशेषज्ञ हैरान, भारी पड़ सकती है लापरवाही
सितंबर माह के मुकाबले इस माह में अब तक टीकाकरण में 50 फीसद से अधिक की कमी दर्ज की गई है। इसके पीछे त्योहारों के माहौल को वजह माना जा रहा है लेकिन इसे कतई उचित नहीं ठहराया जा सकता।
नई दिल्ली [सौरभ श्रीवास्तव]। देश की राजधानी दिल्ली में टीकाकरण की रफ्तार में बीते दिनों में खासी कमी आई है, जो चिंताजनक है। स्थिति की गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि सितंबर माह के मुकाबले इस माह में अब तक टीकाकरण में 50 फीसद से अधिक की कमी दर्ज की गई है। इसके पीछे त्योहारों के माहौल को वजह माना जा रहा है, लेकिन इसे कतई उचित नहीं ठहराया जा सकता। चिंताजनक यह भी है कि जहां एक ओर टीकाकरण में सुस्ती आई है, वहीं दिल्ली में अब तक 14.70 फीसद वयस्क आबादी को टीके की एक डोज भी नहीं लग पाई है। यही नहीं, करीब 13.79 लाख लोगों ने समय पूरा हो जाने के बाद भी अब तक टीके की दूसरी डोज नहीं ली है।
टीकाकरण के प्रति लोगों की इस तरह की लापरवाही सर्वथा अनुचित है। यह सही है कि दिल्ली में कोरोना का संक्रमण काफी हद तक सीमित है, लेकिन जिस तरह कोरोना से बचाव के उपायों में लापरवाही बरती जा रही है, वो कभी भी घातक हो सकती है। उसके कारण संक्रमण के एक बार फिर बढ़ने की आशंका से इन्कार नहीं किया जा सकता। ऐसे में यह जरूरी है कि दिल्ली में जो भी लोग टीका लगवाने के योग्य हैं, उन सभी को तेजी से टीका लगाया जाए, ताकि राजधानी दिल्ली में रह रहे सभी वयस्क टीकाकरण के बाद कोरोना से सुरक्षित हो सकें।
दिल्ली सरकार व अन्य सरकारी एजेंसियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि जिन लोगों ने अब तक टीके की पहली डोज भी नहीं ली है, उन्हें बिना किसी देरी के टीकाकरण केंद्रों तक लाएं और टीका लगवाएं। साथ ही जो लोग एक डोज लेने के बाद समय पूरा होने पर भी टीके की दूसरी डोज लेने नहीं आए हैं, उन्हें भी दूसरी डोज लेने के लिए प्रेरित किया जाए, ताकि उन्हें टीके की संपूर्ण सुरक्षा मिल सके।
टीकाकरण के लिए लोगों को जागरूक करने की प्रक्रिया में और तेजी लाई जानी चाहिए, ताकि त्योहारों के कारण टीकाकरण के काम में आई सुस्ती फौरन दूर की जा सके और दिल्लीवासियों को कोरोना संक्रमण से सुरक्षित किया जा सके।