Exclusive: दिल्ली में ऐतिहासिक रामलीला मैदान समेत 47 पार्कों की बुकिंग बंद, ये है बड़ी वजह

निगम ने रामलीला मैदान समेत 47 पार्कों में किसी तरह के आयोजन को अगले आदेश तक के लिए प्रतिबंधित कर दिया है। इसी तरह दक्षिणी निगम और पूर्वी निगम ने भी अपने पार्कों की बुकिंग पर रोक लगा दी है।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Mon, 22 Feb 2021 11:33 PM (IST) Updated:Mon, 22 Feb 2021 11:33 PM (IST)
Exclusive: दिल्ली में ऐतिहासिक रामलीला मैदान समेत 47 पार्कों की बुकिंग बंद, ये है बड़ी वजह
दिल्ली के रामलीला मैदान की फाइल फोटोः जागरण

नई दिल्ली [निहाल सिंह]। कई ऐतिहासिक आंदोलनों का गवाह रहे रामलीला मैदान में आगे कोई राजनीतिक रैलियां होगी या नहीं, यह भविष्य के गर्भ में छिपा है। फिलहाल निगम ने इसकी बुकिंग बंद कर दी है। एनजीटी के आदेश के बाद निगम ने रामलीला मैदान समेत 47 पार्कों में किसी तरह के आयोजन को अगले आदेश तक के लिए प्रतिबंधित कर दिया है। इसी तरह दक्षिणी निगम और पूर्वी निगम ने भी अपने पार्कों की बुकिंग पर रोक लगा दी है।

हाल ही में एनजीटी ने आदेश दिया था कि पार्कों में न तो शादी समारोह होंगे और न ही किसी तरह के राजनीतिक और सामाजिक कार्यक्रम होंगे। क्योंकि इस कारण पार्किंग की हरियाली को नुकसान पहुंचने के साथ गंदगी भी फैलती है।

उत्तरी निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस आदेश के तहत हमने अपने यहां पार्कों में कार्यक्रम की बुकिंग लेना बंद कर दिया है। हालांकि, रामलीला मैदान पार्क नहीं बल्कि मैदान हैं। ऐसे में यहां बुकिंग हो सकती है या नहीं, इसपर असमंजस की स्थिति है इसलिए इसपर निगम ने अपने ही मुख्य विधि अधिकारी (सीएलओ) से राय मांगी है। जब तक उनकी राय नहीं मिल जाती तब तक निगम फिलहाल बुकिंग नहीं लेगा। हालांकि, इसके चलते पहले से ही खराब आर्थिक स्थिति से जूझ रहे निगमों को राजस्व का नुकसान होगा।

उत्तरी के 47 तो दक्षिणी के 64 और पूर्वी निगम के 18 पार्कों में बुकिंग हुआ करती थी। तीनों नगर निगमों को प्रतिवर्ष इससे करीब तीन करोड़ रुपये की आय होती है। रामलीला मैदान में राजनीतिक व धार्मिक आयोजनों के साथ दिल्ली भर में मौजूद नगर निगम के पार्कों में शादी समारोह के साथ प्रत्येक वर्ष इन पार्कों में दुर्गा पूजा और रामलीला जैसे आयोजन पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। क्योंकि वर्तमान आदेशों के तहत पार्कों में किसी भी तरह के आयोजन पर प्रतिबंध हैं।

उल्लेखनीय है कि ऐतिहासिक रामलीला मैदान में आजादी के पहले से लेकर अब तक कई ऐतिहासिक राजनीतिक सभाएं हुई है। वर्ष 1956 व 57 में देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने यहां विशाल जनसभाएं की। लोकनायक जय प्रकाश नारायाण ने भी यहां से आपातकाल के खिलाफ कांग्रेस सरकार के खिलाफ हुंकार भरी थी। वहीं, 2011 का भ्रष्टाचार विरोधी योगगुरु बाबा रामदेव का आंदोलन और अन्ना हजारे का आंदोलन हुआ था। वहीं, मुख्यमंत्री बनने के बाद अरविंद केजरीवाल ने वर्ष 2013, 2015 और 2020 में यही से शपथ ली थीं।

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