NSEL Scam: नेशनल स्पॉट एक्सचेंज लिमिटेड का CEO मुंबई से गिरफ्तार, लगा है 5600 करोड़ की ठगी का आरोप
NSEL Scam कंपनी के माध्यम से दिल्ली सहित देश भर के करीब 13 हजार कारोबारी से 5600 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की गई। इस मामले में कंपनी के ग्रुप मैनेजिंग डायरेक्टर और चेयरमैन जिग्नेश शाह को मुंबई पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (Economic Offenses Wing of Delhi Police) ने कारोबारियों व एजेंटों से करोडों रुपये की ठगी में नेशनल स्पॉट एक्सचेंज लिमिटेड (एनएसईएल) के पूर्व सीईओ और मैनेजिंग डायरेक्टर (एमडी) अंजनी सिन्हा को मुंबई से गिरफ्तार किया है। कंपनी के माध्यम से दिल्ली सहित देश भर के करीब 13 हजार कारोबारी से 5,600 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की गई। इस मामले में कंपनी के ग्रुप मैनेजिंग डायरेक्टर और चेयरमैन जिग्नेश शाह को मुंबई पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है।
कंपनी के माध्यम से कारोबारियों को माल बेचने और खरीदने पर भारी मुनाफे का झांसा दिया गया था। वहीं, कारोबारी और एजेंटों से मोटी रकम ले ली गई थी। रुपये के बदले उन्हें गोदाम में माल रखे होने की फर्जी रसीद दे दी गई, लेकिन वहां कोई माल नहीं था। कारोबारियों ने इसकी शिकायत पुलिस में की थी। आरोपित अंजनी सिन्हा के खिलाफ दिल्ली में अलग-अलग स्थानों पर छह और मुबंई में कई मुकदमे दर्ज हैं।
ईओडब्ल्यू के ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर ओपी मिश्र ने बताया कि धोखाधड़ी का यह मामला वर्ष 2013 में सामने आया था। वहीं, शिकायत मिलने पर दिल्ली पुलिस ने कंपनी के खिलाफ वर्ष 2015 में मुकदमा दर्ज किया था।
धोखाधड़ी के संबंध में दिल्ली के कारोबारी अश्विन जे शाह, जतिंदर कुमार आहूजा और सईद हबीब उर रहमान ने पुलिस में शिकायत दी थी। पीड़ितों ने बाराखंबा स्थित इंटीग्रेटेड कमोडिटी ट्रेडर्स प्राइवेट लिमिटेड में कमोडिटी ट्रेडिंग के नाम पर रुपये जमा कराए थे। यह कंपनी एनएसईएल से जुड़ी थी। कंपनी के निदेशकों ने 16 से 25 फीसद का मुनाफे का झांसा देकर उन्हें फंसाया था। दावा किया गया था कि एनएसईएल सरकार द्वारा पंजीकृत कंपनी है। मुनाफे के चक्कर में कई कारोबारी व एजेंटों ने मोटी रकम कंपनी में लगा दी। इसके बाद उन्हें बताया गया कि उनका सामान कंपनी के गोदामों में है। इस संबंध में पीड़ितों को अनुबंध की रसीद भी दे दी गई, लेकिन बाद में पता चला कि कंपनी द्वारा काल्पनिक स्टाक दिखाकर कारोबार किया जा रहा था
उधर, मुकदमा दर्ज कर एसीपी वीरेंद्र सजवान की टीम ने छानबीन शुरू की तो पता चला कि धोखाधड़ी में एनएसईएल का सीएमडी जिग्नेश शाह सहित सीईओ अंजनी सिन्हा और अन्य अधिकारी लिप्त हैं। यह भी जानकारी मिली कि स्पाट ट्रेडिंग के लिए एनएसईएल ने ठगी के लिए एक विशेष इलेक्ट्रानिक एक्सचेंज बनाया हुआ था। कंपनी के माध्यम से कारोबार करने पर अलग-अलग योजना के तहत ग्राहकों और दलालों को सुनिश्चत लाभ की फर्जी घोषणा की गई थी। लिहाजा 13 हजार से ज्यादा लोग कंपनी के प्रलोभन में आ गए और 5,600 करोड़ रुपये कंपनी में जमा करा दिए गए, लेकिन कंपनी लोगों के रुपये डकार गई। पुलिस फरार अंजनी सिन्हा की तलाश में जुटी थी। इसी बीच मुंबई में उसके होने की सूचना पर पुलिस की टीम ने आरोपित को गिरफ्तार कर लिया।
स्टील, चीनी, कपास व सरसों के कारोबारी बने निशाना पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट जिग्नेश शाह ने 2009 में एनएसईएल की शुरुआत की थी। उसे 1.80 करोड़ सालाना वेतन मिलता था। शुरुआत में एजेंसियों द्वारा उसे अरंडी के बीज के व्यापार को मंजूरी दी गई थी। इसके बाद वह कंपनी द्वारा स्टील, चीनी, कपास व सरसों के बीज इत्यादि का अवैध तरीके से कारोबार कर ठगी करने लगा था। 2012 में ही कंपनी 500 दलालों को ट्रेडिंग सदस्य के रूप में पंजीकृत कर चुकी थी। बाद में सुनिश्चित लाभ का स्कीम के तहत चीनी का कारोबार करने लगा था। बाद में उसने कई कंपनियों से करार किया था। उसने लोगों को कुल लाभ का 16 फीसद देने का दावा किया था।
Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो