lock Down: लॉकडाउन से दिल्ली-एनसीआर के पर्यावरण को हुआ लाभ

lock Down राजधानी दिल्ली में हवा में जहर घोलने वाली गतिविधियां लॉकडाउन होने की वजह से हवा जहां 60 फीसद तक साफ हो गई थी। वहीं पहली बार ध्वनि व जल प्रदूषण में भी भारी गिरावट आई थी।

By JP YadavEdited By: Publish:Fri, 25 Sep 2020 01:02 PM (IST) Updated:Fri, 25 Sep 2020 01:02 PM (IST)
lock Down: लॉकडाउन से दिल्ली-एनसीआर के पर्यावरण को हुआ लाभ
दिल्ली और एनसीआर में लॉकडाउन के चलते सुधार के बाद का सांकेतिक नजारा।

नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। lock Down: लॉकडाउन के दौरान दिल्ली के सभी हॉटस्पॉट की हवा में भी खासा सुधार हुआ था। दरअसल, इस बीच हवा में जहर घोलने वाली गतिविधियां लॉक होने की वजह से हवा जहां 60 फीसद तक साफ हो गई थी। वहीं, पहली बार ध्वनि व जल प्रदूषण में भी गिरावट आई थी। यह निष्कर्ष केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अध्ययन में निकला है। सीपीसीबी ने आइआइटी दिल्ली व कानपुर के साथ मिलकर लॉकडाउन के दौरान प्रदूषण के स्तर में आई कमी का आंकड़ा तैयार किया है। इस रिपोर्ट को सीपीसीबी के 46वें स्थापना दिवस पर बुधवार को केंद्रीय पर्यावरण राज्यमंत्री बाबुल सुप्रियो ने एक वेबिनार में जारी किया है। इसके अनुसार राजधानी के सर्वाधिक प्रदूषित सभी 13 क्षेत्रों में वाहनों के परिचालन में कमी, सड़क पर कम धूलकण, निर्माण गतिविधि बंद होने व औद्योगिक इकाइयां बंद होने की वजह से वायु प्रदूषण में अभूतपूर्व गिरावट आई थी। उस समय रोहिणी, अशोक विहार, आरके पुरम में नाइट्रोजन डाइऑक्साइड के स्तर में 70 फीसद की कमी देखी गई। पंजाबी बाग, आनंद विहार, जहांगीरपुरी, ओखला, अशोक विहार, बवाना में भी नाइट्रोजन डाइऑक्साइड का स्तर कम पाया गया। द्वारका, मुंडका व वजीरपुर में पीएम 10 के स्तर में 60 फीसद की गिरावट पाई गई। जहांगीरपुरी में पीएम 2.5 के स्तर में 54 व पंजाबी बाग में 26 फीसद की कमी आई। घनी आबादी वाले द्वारका में पीएम 2.5 के स्तर में 50 फीसद की कमी पाई गई। आनंद विहार और नरेला सहित सभी हॉट स्पॉट पर पीएम 2.5 के स्तर में गिरावट दर्ज की गई। पीएम 2.5 अत्यंत सूक्ष्म धूलकण होते हैं, जो सर्वाधिक नुकसान फेफड़े को पहुंचाते हैं।

दूसरी तरफ लॉकडाउन के दौरान मृतप्राय

यमुना के प्रदूषण में भी 33 फीसद की कमी दर्ज की गई। यमुना के प्रदूषण में भी हुआ था सुधार स्थान प्रदूषण में कमी (फीसद में) ओखला बैराज 18, निजामुद्दीन ब्रिज 20आगरा कैनाल 33आइटीओ पुल 21 कुदेसिया घाट 4 ध्वनि प्रदूषण का ऐसा रहा हाल ध्वनि प्रदूषण की बात करें तो लॉकडाउन के दौरान 5 से 10 डेसिबल (डीबी) की कमी आई थी। हालांकि रिहायशी और सायलेंस जोन (अस्पताल वगैरह के आसपास) में तो ज्यादा फर्क नहीं पड़ा, लेकिन ज्यादा यातायात वाले स्थानों पर शोर कम हो गया था। मालूम हो कि दिन के समय ध्वनि प्रदूषण का सामान्य स्तर 55 एवं रात को 45 डीबी होता है।

एस के त्यागी (पूर्व अपर निदेशक, सीपीसीबी) का कहना है कि इसमें कोई संदेह नहीं कि लॉकडाउन से पर्यावरण को बहुत लाभ हुआ है। पहली बार प्रकृति का अपने मूल रूप से सामना हुआ है। ऐसे में जरूरी हो गया है कि एयर इंडेक्स के मानकों में भी बदलाव हो, पूर्वानुमान मॉडल और ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान में भी संशोधन किया जाए। सार्वजनिक परिवहन के तहत बसों की संख्या बढ़ाई जाए और औद्योगिक इकाइयों के लिए सख्त नियम बनाकर उन पर अमल सुनिश्चित कराया जाए।  

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