लद्दाख के 75 गांवों के कारीगरों व शिल्पकारों की कला को दिल्ली में देखिए, मिलेंगे स्नो लेपर्ड
14 दिवसीय इस प्रदर्शनी में लद्दाख के 75 गांवों के कारीगरों व शिल्पकारों द्वारा तैयार किए गए उत्पाद प्रदर्शित किए जा रहे हैं। इनमें प्रमुख रूप से पश्मीना उत्पाद थंका लकड़ी मिट्टी कागज व धातुओं से बनी कलाकृतियां लद्दाख के स्नो लेपर्ड व याक के खिलौने शामिल हैं।
नई दिल्ली, अरविंद द्विवेदी। आइएनए दिल्ली हाट में पारंपरिक याक डांस के साथ इनचैंटिंग लद्दाख प्रदर्शनी शुरू हो गई। केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख की कला, संस्कृति एवं वहां के विभिन्न उत्पादों को देश-विदेश में बढ़ावा देने के लिए आयोजित इस प्रदर्शनी का लद्दाख के उपराज्यपाल आरके माथुर ने उद्घाटन किया।
राज्यपालन ने की सराहना
उन्होंने विभिन्न स्टाल पर जाकर शिल्पकारों के उत्पाद देखे और उनकी सराहना की। उन्होंने शिल्पकारों से कहा कि उनकी कला और मेहनत को देश-दुनिया तक पहुंचाने के लिए ही यह प्रदर्शनी आयोजित की जा रही है, इसलिए ऐसे आयोजनों में जरूर शामिल हुआ करें। इस दौरान उपराज्यपाल की धर्मपत्नी पूनम माथुर व लद्दाख से भाजपा सांसद जामयांग सेरिंग नाम्गयाल भी मौजूद रहे।
15 मार्च तक चलेगी प्रदर्शनी
14 दिवसीय इस प्रदर्शनी में लद्दाख के 75 गांवों के कारीगरों व शिल्पकारों द्वारा तैयार किए गए उत्पाद प्रदर्शित किए जा रहे हैं। इनमें प्रमुख रूप से पश्मीना उत्पाद, थंका, लकड़ी, मिट्टी, कागज व धातुओं से बनी कलाकृतियां, लद्दाख के स्नो लेपर्ड व याक के खिलौने शामिल हैं। इसके साथ ही लद्दाख के खानपान व मसाले भी बिक्री व प्रदर्शन के लिए रखे गए हैं। 15 मार्च तक आयोजित होने वाली प्रदर्शनी में रोजाना शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित होंगे।