भीषण गर्मी के बीच लगातार बढ़ रही बिजली की मांग, 7000 मेगावाट तक पहुंचने का अनुमान

बिजली वितरण कंपनियों को अनुमान है कि इस बार मांग सात हजार मेगावाट तक जा सकती है। उनका दावा है कि मांग को ध्यान में रखकर बिजली की पर्याप्त व्यवस्था की गई है। इसके बावजूद भी मांग बढ़ने पर पूरी दिल्ली में निर्बाध बिजली आपूर्ति बड़ी चुनौती होती है।

By Jp YadavEdited By: Publish:Thu, 24 Jun 2021 12:23 PM (IST) Updated:Thu, 24 Jun 2021 12:23 PM (IST)
भीषण गर्मी के बीच लगातार बढ़ रही बिजली की मांग, 7000 मेगावाट तक पहुंचने का अनुमान
भीषण गर्मी के बीच लगातार बढ़ रही बिजली की मांग, 7000 मेगावाट तक पहुंचने का अनुमान

नई दिल्ली [संतोष कुमार सिंह]। उमस भरी गर्मी की वजह से राजधानी दिल्ली में एक बार फिर से बिजली की खपत बढ़ने लगी है। पिछले कुछ दिनों तक लोगों को गर्मी से राहत मिली थी, जिससे बिजली की खपत में भी कमी आई थी, लेकिन बुधवार दोपहर को अधिकतम मांग छह हजार मेगावाट के पार पहुंच गई। आने वाले दिनों में मांग में और बढ़ोतरी होने की संभावना है जिससे बिजली वितरण कंपनियों की परेशानी बढ़ेगी। ऐसे में राजधानी दिल्ली में निर्बाध बिजली आपूर्ति उनके लिए चुनौती होगी।

बता दें कि लॉकडाउन के बाद आर्थिक गतिविधियां शुरू होने और गर्मी बढ़ने से जून के दूसरे सप्ताह में बिजली की खपत बढ़ने लगी थी। 10 जून को बिजली की मांग 6499 मेगावाट पहुंच गई थी, जबकि पिछले वर्ष अधिकतम मांग मात्र 6314 मेगावाट थी। उसके कुछ दिनों बाद बाद मौसम में सुधार आने से बिजली की मांग भी कम होने लगी। अधिकतम मांग गिरकर पांच हजार मेगावाट के आसपास पहुंच गई थी। अब एक बार फिर से मांग बढ़ रही है। बुधवार दोपहर साढ़े तीन बजे अधिकतम मांग 61 सौ मेगावाट दर्ज की गई।

सात हजार मेगावाट तक जा सकती है मांग

बिजली वितरण कंपनियों को अनुमान है कि इस बार मांग सात हजार मेगावाट तक जा सकती है। उनका दावा है कि मांग को ध्यान में रखकर बिजली की पर्याप्त व्यवस्था की गई है। इसके बावजूद भी मांग बढ़ने पर पूरी दिल्ली में निर्बाध बिजली आपूर्ति बड़ी चुनौती होती है। दरअसल लोड बढ़ने पर बिजली के उपकरण में खराबी आने का खतरा रहता है। इस वजह से घनी आबादी वाले इलाके में ज्यादा परेशानी होती है।

बता दें कि भारतीय मौसम विज्ञान विभाग का पूर्वानुमान है कि आने वाले दिनों में गर्मी और उमस का दौर जारी रहेगा, जब तक दिल्ली में मानसून दस्तक नहीं देगा। जाहिर है कि बिजली की मांग लगातार बढ़ती रहेगी।

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