घर में थी बुजुर्ग मां, मृत पड़े थे दो जवान बेटे, पड़ोसियों ने भी बना ली दूरी तब पुलिस बनी मसीहा, पढ़े दिल दहलाने वाली स्टोरी

78 साल की बुजुर्ग महिला के दो-दो जवान बेटों की कोरोना के कारण मौत हो गई। दोनों बेटों की मौत के बाद उनके रिश्तेदार और पड़ोसी ने भी जब दूरी बना ली तब दिल्ली पुलिस ने दोनों भाइयों का निगमबोध घाट पर अंतिम संस्कार कराया।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Publish:Sun, 09 May 2021 10:15 AM (IST) Updated:Sun, 09 May 2021 10:15 AM (IST)
घर में थी बुजुर्ग मां, मृत पड़े थे दो जवान बेटे, पड़ोसियों ने भी बना ली दूरी तब पुलिस बनी मसीहा, पढ़े दिल दहलाने वाली स्टोरी
दिल्ली पुलिस ने दोनों भाइयों का निगमबोध घाट पर अंतिम संस्कार कराया।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। ग्रेटर कैलाश पार्ट-2 में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां 78 साल की बुजुर्ग महिला के दो-दो जवान बेटों की कोरोना के कारण मौत हो गई। बुजुर्ग महिला भी खुद कोरोना से संक्रमित है। दोनों बेटों की मौत के बाद उनके रिश्तेदार और पड़ोसी ने भी जब दूरी बना ली तब दिल्ली पुलिस ने दोनों भाइयों का निगमबोध घाट पर अंतिम संस्कार कराया।

दक्षिण जिले के पुलिस उपायुक्त अतुल कुमार ठाकुर ने बताया कि पांच मई को ग्रेटर कैलाश पार्ट-2 में रहने वाली कोरोना संक्रमित महिला ने चितरंजन पार्क थाने में पीसीआर काल पर मदद मांगी थी। सूचना के बाद तुरंत पुलिस मौके पर पहुंची तो वहां बुजुर्ग महिला मिली, जो खुद कोरोना से संक्रमित थी। ग्राउंड फ्लोर पर पूरा परिवार रहता था और तीनों कोरोना के कारण अलग-अलग कमरे में थे। हालांकि कोरोना के कारण दोनों बेटे उनके मृत पड़े थे।

पूछताछ में पता चला कि चार मई की शाम चार बजे जब घरेलू सहायिका घर का काम कर चली गई थी तब तक दोनों जिंदा थे, लेकिन पांच मई की दोपहर एक बजे तक जब बुजुर्ग महिला ने अपने दोनों बेटों की आवाज नहीं सुनी तो उन्होंने तुरंत घरेलू सहायिका व पुलिस को काल की। कोरोना के कारण कोई रिश्तेदार या पड़ोसी नहीं आया, इसलिए पुलिस वालों ने ही दोनों भाइयों का अंतिम संस्कार कराया।

उधर राजधानी में कोरोना का संकट कम होता दिखाई दे रहा है। इसका संकेत दिल्ली सरकार के आंकड़े और श्मशान घाटों और शवदाह गृह में हो रहे अंतिम संस्कार दे रहे हैं। पहले जहां प्रतिदिन 700 तक अंतिम संस्कार हो रहे थे, वहीं अब यह आंकड़ा 400 तक सिमट गया है। दिल्ली सरकार के मुताबिक संक्रमण दर में लगातार गिरावट आ रही है। अगर, ऐसे ही महामारी की रफ्तार कम होती रही तो आने वाले दिनों में लोगों को और राहत मिल सकती है।

नगर निगमों के शवदाह गृहों और श्मशान घाट पर हुए अंतिम संस्कारों पर नजर डालें तो अप्रैल के अंतिम सप्ताह में यह आंकड़ा 717 तक पहुंच गया था। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए निगमों को तीन नए शवदाह गृह स्थल बनाने पड़े और जहां एक दिन में 300 लोगों के अंतिम संस्कार करने क्षमता थी उसे बढ़ाकर 1100 तक किया गया।

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