आर्थिक अपराध शाखा ने कंपनी के दो निदेशक समेत अहलूवालिया कंस्ट्रक्शन के मालिक को किया गिरफ्तार

अस्पताल बनाने व चलाने के नाम पर 312 करोड़ लोन के मामले में दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने मेसर्स नयति हेल्थकेयर एंड रिसर्च एनसीआर के दो निदेशक यतीश वहाल व सतीश कुमार नरूला समेत अहलूवालिया कंस्ट्रक्शन के मालिक राहुल सिंह यादव को गिरफ्तार किया है।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Publish:Sun, 17 Oct 2021 08:00 PM (IST) Updated:Sun, 17 Oct 2021 08:00 PM (IST)
आर्थिक अपराध शाखा ने कंपनी के दो निदेशक समेत अहलूवालिया कंस्ट्रक्शन के मालिक को किया गिरफ्तार
आर्थिक अपराध शाखा ने कंपनी के दो निदेशक और अहलूवालिया कंस्ट्रक्शन के मालिक राहुल सिंह यादव को गिरफ्तार किया है।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। गुरुग्राम में अस्पताल बनाने व चलाने के नाम पर यस बैंक से 312 करोड़ लोन लेकर गवन कर जाने के मामले में दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने मेसर्स नयति हेल्थकेयर एंड रिसर्च एनसीआर के दो निदेशक यतीश वहाल व सतीश कुमार नरूला समेत अहलूवालिया कंस्ट्रक्शन के मालिक राहुल सिंह यादव को गिरफ्तार किया है। आरोपितों ने बैंक से लोन लेकर उक्त रकम को डमी फर्म में ट्रांसफर कर गवन कर लिया था। आर्थिक अपराध शाखा के एक अधिकारी के मुताबिक गिरफ्तार किए गए निदेशकों में यतीश वहल, एटीएस एडवांटेज, अहिंसा खंड-एक, इंदिरापुरम, गाजियाबाद व सतीश कुमारनरूला, गंगोत्री एन्क्लेव, अलकनंदा, दिल्ली में परिवार के साथ रहता है। राहुल सिंह यादव, पुरानी दिल्ली रोड, गुरुग्राम में रहता है।

राजीव कुमार शर्मा ने मेसर्स नयति हेल्थकेयर व रिसर्च एनसीआर प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक यतीश वहल व सतीश कुमार नरूला समेत अन्य के खिलाफ शिकायत की थी। शिकायत में कहा गया था कि इन्होंने इस कंपनी में 6.3 फीसद शेयरधारकहोने का दावा किया था। कंपनी कार्यालय देवली रोड, खानपुर में था। यह पहले ओएसएल हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड के नाम से जाना जाता था। इसने गुरुग्राम में एक अस्पताल बनाने और चलाने की दृष्टि से कंपनी का नाम बदला था। शिकायतकर्ता राजीव कुमार के पास 49 फीसद शेयर थे जबकि शेष 51 फीसद शेयर अन्य दो निदेशक चंदन मिश्रा व चर्चित मिश्रा के पास थे। इनके बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए, जिसमें अलग-अलग तरह की जिम्मेदारी को लेकर करार किया गया।

शिकायतकर्ता को पारिश्रमिक देने का वादा किया गया था। उनकी सेवाओं के लिए पेशेवर शुल्क के रूप में प्रति माह 30 लाख रुपये देने का करार किया गया था। गुरुग्राम में अस्पताल के पूरा होने पर ओएसएल हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड को कुछ वित्तीय समस्या का सामना करना पड़ा जिससे बहुसंख्यक शेयरधारकों ने अपने शेयर 51 फीसद मेसर्स नारायणी इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड को बेच दिए। यस बैंक से 312 करोड़ रुपये का कर्ज लेकर उससे अस्पताल नहीं बनाया गया और उसका दुरूपयोग किया गया।

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