मुख्यमंत्री दरबार पहुंचा विवेकानंद कालेज विवाद, शिक्षक संगठन ने लिखा सीएम केजरीवाल को पत्र

दिल्ली विवि शिक्षक संघ उपाध्यक्ष डा आलोक रंजन पांडेय ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखा है। डूटा उपाध्यक्ष ने लिखा है कि दिल्ली सरकार के अधीन आने वाले विवेकानंद कालेज में 26 अप्रैल तक 42 स्थाई शिक्षक और 69 तदर्थ शिक्षक कार्यरत थे।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Tue, 18 May 2021 07:45 PM (IST) Updated:Tue, 18 May 2021 07:45 PM (IST)
मुख्यमंत्री दरबार पहुंचा विवेकानंद कालेज विवाद, शिक्षक संगठन ने लिखा सीएम केजरीवाल को पत्र
शिक्षक संगठन कर रहे सेवा बहाली की मांग

नई दिल्ली [संजीव कुमार मिश्र]। दिल्ली विश्वविद्यालय संबद्ध विवेकानंद कालेज में 12 तदर्थ शिक्षकों की सेवाएं समाप्त कर दी गई। शिक्षक संगठनों ने इस पर एतराज जताया है। दिल्ली विवि शिक्षक संघ उपाध्यक्ष डा आलोक रंजन पांडेय ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखा है। डूटा उपाध्यक्ष ने लिखा है कि दिल्ली सरकार के अधीन आने वाले विवेकानंद कालेज में 26 अप्रैल तक 42 स्थाई शिक्षक और 69 तदर्थ शिक्षक कार्यरत थे। चार महीने का समय खत्म होने के बाद जब 69 तदर्थ शिक्षकों की पुनर्नियुक्ति होनी थी। कालेज ने 12 शिक्षकों की पुनर्नियुक्ति नहीं की। जब पुनर्नियुक्ति का मामला जोर पकड़ा तो कालेज प्राचार्य ने वर्कलोड नहीं होने का हवाला देकर सेवा समाप्ति की बात कही।

इनमें से तीन शिक्षक अंग्रेजी विभाग, दो-दो कामर्स विभाग, कंप्यूटर साइंस तथा एक-एक शिक्षक अर्थशास्त्र, फूड टेक्नोलाजी, गणित, पर्यावरण विज्ञान विभाग और संस्कृत विभाग में कार्यरत थे। यह समझ से परे है कि एकसाथ एक ही विभाग में तीन शिक्षकों का वर्कलोड कैसे कम हो सकता है, जब वे पिछले सेमेस्टर में पढ़ा रहे थे तो इस सेमेस्टर में ऐसा क्या हुआ कि वर्कलोड कम हो गया।

जबकि दिल्ली विश्वविद्यालय के किसी अन्य कालेज में ऐसी समस्या नहीं आयी है। इनमें से छह शिक्षक कोरोना संक्रमित हैं। इनका इलाज चल रहा है। डूटा उपाध्यक्ष ने लिखा है कि कालेज प्राचार्य के मनमाने निर्णय का विरोध जारी रहेगा। मुख्यमंत्री से अपील की है कि शिक्षकों की पुनर्नियुक्ति की जाए।

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