31 दिसंबर तक काम पूरा नहीं हुआ तो 70 लाख होगा जुर्माना, वर्षों से लटका हुआ है काम

हुडा के कार्यकारी अभियंता राजीव शर्मा का कहना है कि हमारे पास बजट सहित संसाधनों की कमी नहीं है तो फिर लेटलतीफी क्यों बर्दाश्त की जाए। काम में कोई अड़चन भी नहीं है।

By Edited By: Publish:Fri, 21 Sep 2018 06:11 PM (IST) Updated:Fri, 21 Sep 2018 07:38 PM (IST)
31 दिसंबर तक काम पूरा नहीं हुआ तो 70 लाख होगा जुर्माना, वर्षों से लटका हुआ है काम
31 दिसंबर तक काम पूरा नहीं हुआ तो 70 लाख होगा जुर्माना, वर्षों से लटका हुआ है काम

फरीदाबाद (जेएनएन)। बहु-प्रतीक्षित इंडोर स्टेडियम को लेकर हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (हुडा) के अधिकारी गंभीर हो गए हैं। हुडा के कार्यकारी अभियंता राजीव शर्मा ने शुक्रवार को हरियाणा राज्य खेल परिसर में निर्माणाधीन इंडोर स्टेडियम का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान धीमी गति से चल रहे काम के प्रति नाराजगी जाहिर की। इसके बाद अपने कार्यालय पहुंचकर संबंधित कंपनी के अधिकारियों को तलब किया।

70 लाख रुपये हो जाएगी जुर्माना राशि
राजीव शर्मा ने कंपनी के अधिकारियों को हिदायत देते हुए कहा अगर इंडोर स्टेडियम का काम 31 दिसंबर तक पूरा नहीं हुआ तो पहले 35 लाख का जो जुर्माना लगा था, वो अब दोगुना हो जाएगा। मतलब जुर्माना राशि 70 लाख रुपये हो जाएगी।

समय पर पूरा कर देंगे काम 
बता दें इंडोर स्टेडियम की लेटलतीफी के चलते कंपनी पर पिछले दिनों 35 लाख रुपये का जुर्माना किया गया था। शर्मा की हिदायत सुनते ही कंपनी के अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि वह श्रम शक्ति दोगुनी करके हर हालत में समय पर काम पूरा कर देंगे।

बाकी है काम 
बैठक में कार्यकारी अभियंता ने इंडोर स्टेडियम की ड्राइंग पर कुछ महत्वपूर्ण बदलाव भी कराए और कई तरह के सुझाव दिए। उन्होंने कहा स्टेडियम के निर्माण के दौरान निर्माण सामग्री सहित बाकी सभी चीजें ब्रांडेड कंपनी की होनी चाहिए। अधिकारियों की मानें तो फिलहाल फिनिशिंग का काम चल रहा है लेकिन अभी इसमें एसी लगने बाकी हैं।

वर्षों से लटका हुआ है काम
1994 में सेक्टर-12 खेल परिसर में इंडोर स्टेडियम बनाने की योजना बनाई गई थी। उस समय काम शुरू होने के बाद सालों तक काम बंद रहा। हुडा ने लगभग 17.04 करोड़ रुपये की लागत से जून 2013 में फिर से इंडोर स्टेडियम का निर्माण कार्य शुरू किया। निर्माण शुरू होने के बाद भी इसके डिजाइन में कुछ फेरबदल किया गया, जिसके चलते इसका एस्टिमेट बढ़कर लगभग 24 करोड़ रुपये हो गया है। 2013 में काम शुरू करते समय एक साल में काम पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया था, लेकिन अभी तक इसका निर्माण पूरा नहीं हो पाया है।

बजट सहित संसाधनों की कमी नहीं
हुडा के कार्यकारी अभियंता राजीव शर्मा का कहना है कि हमारे पास बजट सहित संसाधनों की कमी नहीं है तो फिर लेटलतीफी क्यों बर्दाश्त की जाए। काम में कोई अड़चन भी नहीं है। इसके बावजूद इसका निर्माण करने वाली कंपनी धीमी गति से काम कर रही है। अब हिदायत दे दी है। उम्मीद करते हैं कि समय पर काम पूरा हो जाएगा। 

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