RTI में खुलासाः पिछले पांच सालों में बाघों के आए अच्छे दिन, 50 फीसद कम हुए शिकार

पिछले पांच सालों में पचास फीसद से ज्यादा कमी दर्ज की गई है। एक आरटीआई के जवाब में वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो ने बताया है कि 2014 से अबतक देशभर में 185 बाघों का शिकार हुआ है।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Wed, 16 Jan 2019 04:31 PM (IST) Updated:Wed, 16 Jan 2019 04:52 PM (IST)
RTI में खुलासाः पिछले पांच सालों में बाघों के आए अच्छे दिन, 50 फीसद कम हुए शिकार
RTI में खुलासाः पिछले पांच सालों में बाघों के आए अच्छे दिन, 50 फीसद कम हुए शिकार

नोएडा, [ललित विजय]। विलुप्त होने की कगार पर पहुंच चुके राष्ट्रीय पशु बाघ के शिकार में पिछले पांच सालों में  पचास फीसद से ज्यादा कमी दर्ज की गई है। एक आरटीआई के जवाब में वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो ने बताया है कि वर्ष 2008 से 2013 तक पांच वर्षों में 285 बाघों का शिकार हुआ है, जबकि 2014 से अबतक देशभर में 185 बाघों का शिकार हुआ है। पश्चिम बंगाल में 2014 से अब तक सबसे ज्यादा बाघ मारे जा चुके हैं। वहां 2014 के बाद अब तक 31 बाघ मारे जा चुके हैं। वर्ष 2017 अाैर 2018 में बाघाें के शिकार में बड़े पैमाने पर कमी अाई है। वर्ष 2017 में जहां तीन बाघाें  का शिकार हुअा वहीं 2018 में पांच बाघाें शिकार हुअा। पांचाेें बाघ असम में मारे गए। यह जानकारी नाेएडा के रहने वाले समाजसेवी रंजन ताेमर काे अारटीअाइ के तहत वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूराे से मिली है। 

दस साल में सबसे ज्यादा 2011 में हुअा बाघाें का शिकार 
एक तरफ बाघाें काे संरक्षण के लिए पूरे दुनिया एक हाेकर काम कर रही है। वहीं 2022 तक बाघाें की संख्या दाेगुनी करने का लक्ष्य है, लेकिन इनके शिकार पर अब भी लगाम नहीं है। बाघाें के संरक्षण पर कराेड़ाें खर्च होने के बाद भी पिछले दस साल में देशभर में 430 बाघाें का शिकार हुअा है। पिछले दस सालाें में सबसे ज्यादा 2011 में 80 बाघाें का शिकार हुअा है। इसमें भी सबसे ज्यादा केरल में 38 बाघाें का शिकार हुअा। इसके बाद अाेडिशा में अाठ बाघाें का शिकार हुअा।  

दस साल में बाघाें के लिए सबसे ज्यादा असुरक्षित रहा मध्य प्रदेश 
वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो से मिली जानकारी के अनुसार बाघाें के लिए सबसे असुरक्षित मध्य प्रदेश है। जहां पिछले दस साल में सबसे अधिक 71 बाघाें का शिकार हुअा। जबकि, पिछले सात सालाें में मध्य प्रदेश सरकार बाघ संरक्षण ने नाम पर 1050 कराेड़ रुपये खर्च कर चुकी है।  इसके बाद कर्नाटक अाैर महाराष्ट्र में 46-46  बाघाें का शिकार हुअा है। छत्तीसगढ़ में 43, असम  में 42  अाैर उत्तराखंड में 35 बाघ मौत के घाट उतार दिए गए।  उत्तर प्रदेश में पिछले दस सालाें में 21 बाघाें का शिकार हुअा। इसमें दस बाघाें का शिकार सिर्फ वर्ष 2010 में हुअा है।  

 एक नजर में   दुनिया के 70 प्रतिशत बाघ भारत में पाए जाते हैं।  बाघाें के संरक्षण के लिए प्राेजेक्ट टाइगर बनाया गया। जिसे क्रियान्वित करने के लिए राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण का गठन हुअा।   भारत में लगभग 50 बाघ अभयारण्य हैं।  वर्ष 2014 में बाघाें की संख्या भारत में 2226 थी।

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