Durga Puja 2021: पूजन के बाद स्कंदमाता व्रत की कथा का किया पाठ
कोरोना नियमों का पालन करते हुए श्रद्धालुओं ने माता रानी का आशीर्वाद लिया। इसके साथ ही घरों में व्रतियों ने उपवास रखकर सुबह स्नान कर साफ और सुंदर वस्त्र धारण कर व्रत आरंभ किया।पहले कलश देवता और भगवान गणेश की विधिवत पूजन के बाद स्कंदमाता की कथा का पाठ किया।
नई दिल्ली [रितु राणा]। मंदिरों में नवरात्र के चौथे दिन देवी स्कंदमाता की पूजा की गई। ऐसा माना जाता है कि स्कंदमाता की उपासना करने से मोक्ष के द्वार खुलते हैं और माता अपने भक्तों की सभी इच्छा पूर्ण करती हैं। रविवार को छुट्टी होने के कारण मंदिरों में स्कंदमाता की पूजा के लिए श्रद्धालुओं की संख्या अधिक नजर आई।
कोरोना नियमों का पालन करते हुए श्रद्धालुओं ने माता रानी का आशीर्वाद लिया। इसके साथ ही घरों में व्रतियों ने उपवास रखकर सुबह स्नान कर साफ और सुंदर वस्त्र धारण कर व्रत आरंभ किया। पहले कलश देवता और भगवान गणेश की विधिवत पूजन के बाद स्कंदमाता के व्रत की कथा का पाठ किया। जगह जगह भजन कीर्तन का भी आयोजन हुआ।
खजूरी स्थित महागौरी मंदिर के पुजारी आचार्य देवेंद्र बलूनी कहते हैं कि देवी दुर्गा का यह स्वरूप मातृत्व को परिभाषित करता है। हिंदू धर्मशास्त्रों के अनुसार स्कंदमाता भी पर्वतराज हिमालय की पुत्री हैं और इसी वजह से इन्हें मां पार्वती कहा जाता है।
मां कमल के फूल पर विराजमान अभय मुद्रा में होती हैं इसलिए इन्हें पद्मासना देवी और विद्या वाहिनी दुर्गा भी कहा जाता है। माता की चार भुजाएं हैं, दायीं तरफ की ऊपर वाली भुजा में माता ने भगवान स्कंद को गोद में ले रखा है और नीचे वाली भुजाओं में कमल पुष्प विराजमान है।
उधर, गोरखपार्क स्थित श्रीराजमाता झंडेवाला मंदिर में भी आतंकवाद रूपी राक्षस के नाश की कामना से देवी स्कंदमाता की पूजना अर्चना हुई। इस दौरान सामूहिक रूप से दुर्गा स्तुति का पाठ किया गया। माता के दरबार में यशराज योगी द्वारा महामाई के गुणगान के साथ रूहानी कलाम पेश किए गए, जिससे भक्तजनों में माहौल आनंद से परिपूर्ण हो गया।
नवरात्र में प्रतिदिन भगवती चौकी की समाप्ति पर सामूहिक रूप से दुर्गा चालीसा का पाठ हो रहा है। इसके अलावा यमुना विहार शिव शक्ति मंदिर, मयूर विहार नीलम माता मंदिर में भी धूमधाम से नवरात्र महोत्सव मनाया गया।