आक्सीजन खत्म होने से मरीज की जान पर बन आई , पुलिस ने उपलब्ध करवाया टैंकर

तीमारदार दिल्ली भर में सिलेंडर तलाश रहे हैं ताकि उनका मरीज जीवित रह सके। आक्सीजन की व्यवस्था न होने पर अस्पताल के सीइओ सुनील कुमार तीमारदारों के सामने फूट फूटकर रोने लगे। कहने लगे इस तरह से मरीजों को मरते हुए नहीं देख सकता।

By Prateek KumarEdited By: Publish:Thu, 22 Apr 2021 10:40 PM (IST) Updated:Thu, 22 Apr 2021 10:40 PM (IST)
आक्सीजन खत्म होने से मरीज की जान पर बन आई , पुलिस ने उपलब्ध करवाया टैंकर
पुलिस ने ग्रीन कारिडोर बनाकर आक्सीजन का टैंकर अस्पताल तक पहुंचाया।

नई दिल्ली [शुजाउद्दीन]। कड़कड़ी मोड स्थित शांति मुकुंद अस्पताल में बृहस्पतिवार शाम आक्सीजन खत्म होने से कई घंटे कोरोना मरीजों की जान आफत में रही। अस्पताल प्रबंधन ने बड़ी मुश्किल से फरीदाबाद से दस आक्सीजन सिलेंडर मंगवाए, जो काफी नहीं थे। जिसके बाद अस्पताल ने गेट पर लिख दिया कि उनके यहां आक्सीजन नहीं है, मरीज भर्ती नहीं किए जाएंगे। जो मरीज भर्ती हैं, उनके तीमारदारों से कहा गया है कि आक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था करें या फिर अपने मरीज को किसी दूसरे अस्पताल में लेकर चले जाएं।

पुलिस ने ग्रीन कारिडोर बनाकर पहुंचाया आक्सीजन का टैंकर

पुलिस ने ग्रीन कारिडोर बनाकर आक्सीजन का टैंकर अस्पताल तक पहुंचाया, तब मरीजों कीे जान में जान आई। तीमारदार दिल्ली भर में सिलेंडर तलाश रहे हैं, ताकि उनका मरीज जीवित रह सके। आक्सीजन की व्यवस्था न होने पर अस्पताल के सीइओ सुनील कुमार तीमारदारों के सामने फूट फूटकर रोने लगे। कहने लगे इस तरह से मरीजों को मरते हुए नहीं देख सकता, मजबूर हूं कहीं से भी आक्सीजन की व्यवस्था नहीं हो पा रही है।

आपूर्ति करने वाली कंपनी से बात कर की व्यवस्था

आक्सीजन खत्म होने की सूचना मिलते ही विवेक विहार के एसीपी मयंक बंसल अस्पताल पहुंचे और आक्सीजन की आपूर्ति करने वाली कंपनी से बात की। देर शाम के वक्त थानाध्यक्ष संजीव कुमार, एसआइ प्रमोद के की देखरेख में पुलिस ग्रीन कारिडोर बनाकर माेदीनगर से आक्सीजन का टैंकर लेकर अस्पताल पहुंची। आक्सीजन खत्म होने पर कुछ तीमारदार अपने कंधों पर सिलेंडर लेकर लड़खड़ाते हुए कदमों से अस्पताल में जाते हुए दिखे।

आक्सीजन खत्म होने से मरीजों की जान पर बन आई

अस्पताल प्रशासन ने कहा कि दो सौ बेड का अस्पताल है, इसमें 110 कोरोना संक्रमित मरीज भर्ती हैं। जो भर्ती हैं वह भी गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं। 12 मरीज वेंटिलेटर पर हैं। इस वक्त अस्पताल को 2300 किलोग्राम आक्सीजन की जरूरत होती है, आक्सीजन खत्म होने से मरीजों की जान पर बन आई थी।

मेटो और लाइफलाइन अस्पताल में भी खत्म हुई आक्सीजन

लक्ष्मी नगर स्थित लाइफलाइन अस्पताल और प्रीत विहार के मेट्रो अस्पताल में भी शाम को आक्सीजन लगभग खत्म हो गई थी। दोनों अस्पतालों में ऐलान कर दिया गया था कि अपने मरीजों को ले जाओ। इससे अस्पताल में अफरा तफरी मची रही। कुछ तीमारदार छुट्टी कराकर अपने मरीजों को दूसरे अस्पताल ले गए। देर शाम लाइफलाइन अस्पताल में दो व्यक्तियों ने तीन सिलेंडर दान किए। वहीं वसुंधरा एन्क्लेव स्थित धर्मशिला नारायणा अस्पताल ने किया लाइफलाइन अस्पताल नोएडा को 10 आक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध करवाए। उसमें आक्सीजन खत्म हो गई थी।

अस्पताल में मेरे भाई भर्ती हैं, अस्पताल ने कहा कि मरीज को भर्ती रखना है तो आक्सीजन सिलेंडर का इंतजाम करो। काफी तलाशने के बाद भी आक्सीजन नहीं मिली। पुलिस का शुक्रिया, उन्होंने आक्सीजन का टैंकर उपलब्ध करवाया। आशुतोष, तीमारदार

अस्पताल प्रबंधन ने बोल दिया था अपने मरीज को किसी दूसरे अस्पताल में ले जाओं, आक्सीजन नहीं है। समझ ही नहीं आ रहा था अपने मरीज को कहां लेकर जाऊं। कहीं भी बेड उपब्लध नहीं था।

भारत अरोड़ा, तीमारदार

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