डीयू शिक्षकों का विवेकानंद कॉलेज के बाहर प्रदर्शन, तदर्थ शिक्षकों की पुननियुक्ति की मांग
शिक्षकों ने कहा कि जिन 12 शिक्षकों को हटाया गया है वो विगत पांच सालों से अधिक समय से पढ़ा रहे थे। जिस समय निकाला गया कई कोरोना संक्रमण से जूझ रहे थे। महामारी के दौर में कालेज प्रशासन का यह निर्णय समझ से परे हैं।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली विश्वविद्यालय संबद्ध विवेकानंद कालेज में 12 तदर्थ शिक्षकों को हटाए जाने से उपजा विवाद फिलहाल थमता नजर नहीं आ रहा। डीयू शिक्षक कालेज प्रशासन के खिलाफ लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। दिल्ली विवि शिक्षक संघ (डूटा) के नेतृत्व में दो बार आनलाइन प्रदर्शन के बाद शिक्षक सोमवार को कालेज के बाहर प्रदर्शन करने पहुंच गए। प्रदर्शन में कालेज के तदर्थ व स्थाई शिक्षक शामिल थे। प्रदर्शन में शामिल शिक्षक हाथों में बैनर, पोस्टर लिए हुए थे। जिन पर लिखा हुआ था कि तदर्थ शिक्षकों की पुनर्नियुक्ति की जाए। शिक्षकों को न्याय मिलना ही चाहिए।
शिक्षकों ने कहा कि जिन 12 शिक्षकों को हटाया गया है वो विगत पांच सालों से अधिक समय से पढ़ा रहे थे। जिस समय निकाला गया कई कोरोना संक्रमण से जूझ रहे थे। महामारी के दौर में कालेज प्रशासन का यह निर्णय समझ से परे हैं।
डूटा ने डीयू प्रशासन द्वारा तदर्थ शिक्षकों को पुनर्नियुक्ति नहीं दिए जाने के फैसले को लेकर 4 दिसंबर 2019 को एक बड़ा आंदोलन किया था। उस समय कुलपति आफिस का घेराव भी किया गया था। जिसके बाद केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय,यूजीसी के अफसर, डीयू प्रशासन और डूटा के प्रतिनिधियों की एक बैठक 5 दिसंबर 2019 को हुई एवं एक आदेश भी जारी किया गया। जिसमें कहा गया कि डीयू के कालेजों से तदर्थ शिक्षकों को तब तक नहीं निकाला जाएगा जब तक की उपरोक्त पद पर स्थाई नियुक्ति नहीं होती है।