DU: दाखिले में देरी का खामियाजा भुगत रहे डीयू छात्र, यूजीसी का खटखटाया दरवाजा
यूजीसी ने दिल्ली विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलपति और कुलसचिव को एक नोटिस जारी विधि संकाय में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों के दाखिले को लेकर जानकारी मांगी है। कुछ छात्रों ने यूजीसी में शिकायत की थी कि शैक्षणिक सत्र 2020-21 में दाखिले के दौरान कोताही बरती गई।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। कोरोना काल में दिल्ली विश्वविद्यालय दाखिला प्रक्रिया विलंब से शुरू हुई। पूरी प्रक्रिया जनवरी माह में समाप्त हुई। जिसका खामियाजा छात्रों को अब भुगतना पड़ रहा है। छात्र कई छात्रवृत्तियों के लिए आवेदन से वंचित रह गए। इस बाबत डीयू विधि संकाय के छात्रों ने कार्यवाहक कुलपति प्रो पीसी जोशी समेत विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के चेयरमैन को पत्र भी लिखा है। जिसमें कहा गया है कि यूजीसी राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल (एनएसपी) के जरिए आरक्षित वर्ग, अल्पसंख्यक समेत पूर्वोत्तर के छात्रों को छात्रवृत्ति देती है। कोरोना महामारी के कारण डीयू दाखिला प्रक्रिया में विलंब हुआ। जिस कारण छात्र एनएसपी पर छात्रवृत्ति के लिए आवेदन नहीं कर पाए।
यहां आवेदन की आखिरी तिथि 20 जनवरी थी। छात्रों ने मांग की है कि पोर्टल पर डीयू के छात्रों को दोबारा आवेदन का मौका दिया जाए। क्यों कि पोर्टल का यह नियम है कि यदि प्रथम वर्ष में छात्र आवेदन नहीं करता है तो अगले साल भी नहीं कर पाए।
ईडब्ल्यूएस कोटे पर नोटिस
यूजीसी ने दिल्ली विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलपति और कुलसचिव को एक नोटिस जारी विधि संकाय में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों के दाखिले को लेकर जानकारी मांगी है। कुछ छात्रों ने यूजीसी में शिकायत की थी कि शैक्षणिक सत्र 2020-21 में दाखिले के दौरान कोताही बरती गई। विधि संकाय एकमात्र विभाग है जिसने ईडब्ल्यूएस के तहत 10 फीसद सीटें नहीं बढ़ाई। विवि ने 2019 में ईडब्ल्यूएस के तहत 15 फीसद सीटें बढ़ाई थी एवं 2020 में 10 फीसद सीटें बढ़नी थी। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। नतीजन, डीयू ने 172 सीटें बिना किसी कारण के वापस ले ली।
प्रदर्शन की लेनी होगी इजाजत
डीयू ने गेट नंबर 1, 2, 3 और 4 के पास किसी भी तरह के धरना प्रदर्शन को प्रतिबंधित कर दिया है। डीयू प्रशासन ने बताया कि धरना, प्रदर्शन, पदयात्रा नहीं हो सकेगी। लाउडस्पीकर व ड्रम के प्रयोग की भी मनाही होगी। प्रदर्शन के लिए आर्ट फैकल्टी के पास जगह दी जाएगी। 24 घंटे पहले प्रदर्शन की इजाजत ली जाएगी। जिसमें यह बताना होगा कि धरना प्रदर्शन क्यों और किसलिए कियाजा रहा है। कितनी देर तक प्रदर्शन होगा एवं कितने लोग भाग लेंगे।