DTC बसों में कोरोना के कारण यात्रियों की संख्या कम की गई, अब सिर्फ इतनी सीटों पर बैठ सकते हैं लोग

दिल्ली में कोरोना के लगातार तेजी से बढ़ रहे मामलों को देखते हुए दिल्ली सरकार ने डीटीसी बसों को आधी क्षमता के साथ संचालित करना शुरू कर दिया है। एक बस में 20 यात्रियों को ही बैठाया गया।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Mon, 12 Apr 2021 04:04 PM (IST) Updated:Mon, 12 Apr 2021 04:30 PM (IST)
DTC बसों में कोरोना के कारण यात्रियों की संख्या कम की गई, अब सिर्फ इतनी सीटों पर बैठ सकते हैं लोग
नौकरी पेशा लोगों के यात्र करने पर कुछ असुविधाएं देखने को मिल सकती हैं।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली-एनसीआर में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। कोरोना के लगातार तेजी से बढ़ रहे मामलों को देखते हुए दिल्ली सरकार ने डीटीसी बसों को आधी क्षमता के साथ संचालित करना शुरू कर दिया है। एक बस में 20 यात्रियों को ही बैठाया गया। बसों में तैनात मार्शल केवल निर्धारित संख्या तक ही यात्रियों को चढ़ने की अनुमति दे रहे थे। रविवार को बसों में आधी क्षमता के साथ ही यात्रियों ने सफर किया। हालांकि रविवार का दिन होने के कारण सड़कों पर अधिक यात्री नहीं दिखाई दिए।

मिली जानकारी के अनुसार, छुट्टी के दिन के अलावा हर रोज बड़ी संख्या में लोग डीटीसी की बसों में सफर करते हैं। बहुत से लोग इन्हीं बसों में बैठकर रोजाना नौकरी करने आते- जाते हैं। इस वजह से सोमवार से शनिवार के बीच नौकरी पेशा लोगों के यात्रा करने पर कुछ असुविधाएं देखने को मिल सकती हैं। क्योंकि बीस लोगों के होने के बाद किसी अन्य को नहीं बैठाया जा रहा है।

नाइट कर्फ्यू के कारण बढ़ सकती है लोगों की परेशानी

दरअसल, दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद में नाइट कर्फ्यू लगा है। यहां पर रात दस बजे से सुबह पांच बजे तक सिर्फ जरुरी सेवाओं वालों को ही आने-जाने की अनुमति है। इस कारण नौकरी करने वाले लोग ऑफिस से जल्दी निकल जाते हैं ताकि उन्हें सवारी मिल सके। भीड़ ज्यादा होने के कारण लोगों को लंबा इंतजार करना पड़ सकता है। 

दिल्ली में कोरोना ने तोड़ा रिकॉर्ड

दरअसल, राजधानी दिल्ली में कोरोना ने नए मरीजों के मामले में अब तब के सभी रिकार्ड तोड़ दिए हैं। रविवार को दिल्ली में 10,774 मरीज मिले हैं, जो अब तक के सबसे अधिक हैं। इससे पहले 11 नवंबर, 2020 को सबसे अधिक 8,593 मामले आए थे। दो दिन पहले नौ अप्रैल को 8,521 मामले आए थे। वहीं, 48 मरीजों की मौत हो गई। रोजाना तेजी से बढ़ रहे मामले को देखते हुए बसों में भी सतर्कता बरती शुरु कर दी गई है। बिना मास्क किसी को नहीं बैठाया जा रहा है।

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