निगम मुख्‍यालय के बाहर धरने पर बैठे शिक्षकों से मिले भाजपा नेता, कहा- मिलेगी नौकरी

Dsssb Teachers Protest प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों से दिल्‍ली भाजपा के प्रदेश अध्‍यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि सभी को न्‍याय मिलेगा। उन्‍हें नौकरी पर बहाल किया जाएगा।

By Prateek KumarEdited By: Publish:Wed, 16 Oct 2019 04:28 PM (IST) Updated:Wed, 16 Oct 2019 04:32 PM (IST)
निगम मुख्‍यालय के बाहर धरने पर बैठे शिक्षकों से मिले भाजपा नेता, कहा- मिलेगी नौकरी
निगम मुख्‍यालय के बाहर धरने पर बैठे शिक्षकों से मिले भाजपा नेता, कहा- मिलेगी नौकरी

नई दिल्‍ली, जेएनएन। Dsssb Teachers Protest: नियुक्‍ति पत्र देने के बाद भी अटकी शिक्षकों की बहाली का मामला अब राजनीतिक तूल पकड़ने लगा है। इस क्रम में बुधवार को भाजपा के दो नेता सांसद मनोज तिवारी और सांसद गौतम गंभीर ने प्रदर्शन कर रहे लोगों से मुलाकात की। मुलाकात के बाद दिल्‍ली भाजपा के प्रदेश अध्‍यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि सभी को न्‍याय मिलेगा। उन्‍हें नौकरी पर बहाल किया जाएगा। इधर, गौतम गंभीर भी उन शिक्षकों से मुलाकात कर उनकी परेशानी को समझा साथ ही इस समस्‍या का जल्‍द-से-जल्‍द उपाय निकालने की बात कही। बता दें कि नियुक्‍ति विवाद के बाद से शिक्षक निगम मुख्‍यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं। बुधवार को भी इनका प्रदर्शन जारी है।

मंगलवार को भी किया था प्रदर्शन

बता दें कि मंगलवार को भी दिल्‍ली निगम के स्कूलों में प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति रद होने से नाराज सैकड़ों अभ्यर्थियों ने कड़कड़डूमा स्थित दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड (डीएसएसएसबी) और पूर्वी दिल्ली नगर के शाहदरा उत्तरी जोन के कार्यालय पर प्रदर्शन किया। नियुक्ति रद करने को गलत बताते हुए अभ्यर्थियों ने नारेबाजी करते हुए शाहदरा जीटी रोड और कड़कड़डूमा रोड को जाम कर दिया था। इससे कई लोग जाम में फंस गए। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने उन्हें किसी तरह सड़क से हटाया। प्रदर्शन में दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, सहित अन्य राज्यों के अभ्यर्थी शामिल थे। इनमें कई दिव्यांग और गर्भवती भी शामिल थीं।

जहां कर रहे थे नौकरी वहां से भी हाथ धोया

निगम ने नियुक्ति पत्र इस शर्त पर दिया था की जहां भी नौकरी कर रहे हो पहले वहां से त्यागपत्र लाकर निगम में जमा करवाओ। आनन-फानन में लोगों ने सरकारी और निजी नौकरियों से त्यागपत्र भी दे दिया। अब वे घर के रहे न घाट के। अभ्यर्थी महेंद्र ने बताया कि एक प्रतिनिधिमंडल डीएसएसएसबी से मिला था। उन्होंने कहा कि डीएसएसएसबी के पास केंद्रीय प्रशासनिक प्राधिकरण (कैट) की ओर से नियुक्ति रद करने संबंधी कोई पत्र नहीं आया। परीक्षा में धांधली नहीं हुई। डीएसएसएसबी को अगर सर्वोच्च न्यायालय जाना पड़ा तो वह वहां भी जाएगा।

यह है मामला

15 अक्टूबर को 3788 अभ्यर्थियों को निगम के स्कूलों में नौकरी मिलनी थी। अधिकतर अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र मिल चुके थे। एक अभ्यर्थी ने केंद्रीय प्रशासनिक प्राधिकरण (कैट) में डीएसएसएसबी परीक्षा परिणाम को चुनौती दी थी। जिस पर कैट ने नियुक्ति से एक दिन पहले आदेश जारी कर नियुक्तियों को रद कर दिया।

याचिकाकर्ता हुए खुश, कहा परीक्षा में हुई थी धांधली

कैट के फैसले से चयनित हुए अभ्यर्थी दुखी हैं तो वहीं याचिकाकर्ता खुश हैं। याचिकाकर्ता नरेश कुमार का दावा है कि परीक्षा में धांधली हुई है। परीक्षा की प्रक्रिया इस तरीके से पूरी की गई जिससे अयोग्य लोगों का चयन हो सके। उन्होंने कहा कि चार चरणों में हुई परीक्षा में 20-30 प्रश्न हर चरण में दोहराए गए थे। ऐसी शिकायत आने के बाद डीएसएसबी ने दोहाराए गए प्रश्नों को परीक्षा परिणाम के आकलन से हटा दिया। जिससे वे अभ्यर्थी भी चयनित हो गए जिनके कम नंबर थे।

अभ्यर्थियों का छलका दर्द

निगम के प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक की नौकरी के लिए किसी ने केंद्रीय विद्यालय तो किसी ने सर्वाेदय विद्यालय की नौकरी छोड़ी है। अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया कि निगम ने उनसे रोजगार छीन लिया है, अभ्यर्थी सड़क पर आ गए हैं। नियुक्ति रद होने से अभ्यर्थियों का दर्द छलक पड़ा।

दिल्‍ली पुलिस के अधिकांश बूथों पर उड़ रही नियमों की धज्‍जियां, अब बनने जा रहा सख्‍त कानून

जानकारी और संसाधनों के अभाव में नहीं चलता कैंसर का पता, अब भाजपा करेगी आपकी मदद

दिल्‍ली-एनसीआर की खबरों को पढ़ने के लिए यहां करें क्‍लिक

chat bot
आपका साथी