DSGMC में बदल सकता है सत्ता का खेल, सिरसा के भाजपा में शामिल होने से कई नेता बदल सकते हैं पाला

डीएसजीएमसी के 46 सीटों के लिए 22 अगस्त को मतदान और 25 अगस्त को चुनाव परिणाम घोषित किए गए थे। शिअद बादल को 27 सीटें मिली हैं। वहीं शिरोमणि अकाली दल दिल्ली (सरना) को 14 सीटों पर जीत मिली थी।

By Prateek KumarEdited By: Publish:Sat, 04 Dec 2021 06:38 PM (IST) Updated:Sat, 04 Dec 2021 06:38 PM (IST)
DSGMC में बदल सकता है सत्ता का खेल, सिरसा के भाजपा में शामिल होने से कई नेता बदल सकते हैं पाला
शिअद बादल के सामने निर्वाचित सदस्यों को साथ रखने की चुनौती

नई दिल्ली [संतोष कुमार सिंह]। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) की सत्ता पर कब्जा करने के लिए पार्टियां अपनी शक्ति बढ़ाने में लगी हुई हैं। एक-दूसरे के जीते हुए सदस्यों को अपनी पार्टी में शामिल करने की कोशिश चल रही है। निवर्तमान अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा के इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल होने से अब समीकरण बदल गए हैं। शिरोमणि अकाली दल (शिअद बादल) के सामने अपने नवनिर्वाचित सदस्यों को एकजुट रखने की चुनौती है।

अध्यक्ष चुनने को 51 सदस्य मतदान करते हैं

डीएसजीएमसी में कुल 55 सदस्य होते हैं जिनमें से 46 सीधे संगत द्वारा चुनकर आते हैं। नौ नामित सदस्य होते हैं जिनमें से दो नवनिर्वाचित सदस्यों द्वारा चुने जाते हैं और दो का लाटरी से चुनाव होता है। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) का भी एक मनोनीत सदस्य होता है। इसके अतिरिक्त चार अलग-अलग तख्तों के जत्थेदार भी डीएसजीएमसी के नामित सदस्य होते हैं लेकिन ये अध्यक्ष या अन्य पदाधिकारियों के चयन में वोट नहीं देते हैं। यानी 51 सदस्य मतदान करते हैं और कमेटी की सत्ता हासिल करने के लिए कम से कम 26 सदस्यों का समर्थन जरूरी है।

शिअद बादल के पास हैं 29 सदस्य

डीएसजीएमसी के 46 सीटों के लिए 22 अगस्त को मतदान और 25 अगस्त को चुनाव परिणाम घोषित किए गए थे। शिअद बादल को 27 सीटें मिली हैं। वहीं, शिरोमणि अकाली दल दिल्ली (सरना) को 14 सीटों पर जीत मिली थी। लेकिन, एक सदस्य सुखबीर सिंह कालरा ने शिअद बादल का दामन थाम लिया है। कालरा स्वरूप नगर वार्ड से चुनाव जीते हैं। इसके साथ ही विक्रम सिंह रोहिणी नामित सदस्य के रूप में समिति पहुंच गए हैं। इनका चयन नवनिर्वाचित सदस्यों के वोट से हुआ है। एसजीपीसी का मनोनीत सदस्य भी शिअद बादल का होगा और उसे मिलाकर पार्टी के पास कुल 29 सदस्य होंगे। एसजीपीसी ने सिरसा को अपना सदस्य मनोनित किया था और यह मामला अभी अदालत में लंबित है। उम्मीद है कि इनकी जगह अब किसी और को सदस्य मनोनित किया जाएगा।

शिअद दिल्ली को 20 सदस्यों का समर्थन

दूसरी ओर शिअद दिल्ली (सरना) के पास 13 निर्वाचित सदस्यों के साथ ही नवनिर्वाचित सदस्यों समर्थन हासिल कर परमजीत सिंह सरना भी डीएसजीएमसी पहुंच गए हैं। इन्हें मिलाकर पार्टी के कुल 14 सदस्य हैं। पार्टी को जग आसरा गुरु ओट (जागो) के तीन सदस्यों के साथ ही पंथक अकाली लहर के एक और एक निर्दलीय सदस्य का समर्थन भी हासिल है। लाटरी से चुने गए नामित सदस्य मोहिंदर सिंह के समर्थन का भी दावा किया जा रहा है। इस तरह से शिअद दिल्ली को 20 सदस्यों का समर्थन है। लाटरी से चुने जाने वाले दूसरे सदस्य की अभी घोषणा नहीं हुई है।

कई नेताओं की बदल सकती है आस्था

इस तरह से शिअद बादल के पास फिलहाल बहुमत है, लेकिन सिरसा के पार्टी छोड़ने से कई सदस्य पाला बदल सकते हैं। कई सदस्य सिरसा के करीबी हैं। वहीं, पार्टी में अध्यक्ष पद को लेकर भी गुटबाजी बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। वहीं, पार्टी के कई वरिष्ठ नेता जागो के अध्यक्ष मनजीत सिंह जीके से संपर्क कर उन्हें साथ जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं।

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