ड्रग कंट्रोल विभाग ने कोर्ट में दिया हलफनामा, कहा कि सांसद गौतम गंभीर और उनकी फाउंडेशन को नहीं खरीदनी चाहिए थी दवा, पढ़िये क्या है पूरा मामला
कोरोना की दूसरी लहर के दौरान दवाओं की जमाखोरी और कालाबाजारी के मामले में दिल्ली ड्रग कंट्रोल विभाग ने बुधवार को दिल्ली हाई कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया। इसमें कहा कि सांसद गौतम गंभीर और उनकी फाउंडेशन को बिना लाइसेंस के दवाओं की खरीद जमाखोरी और वितरण नहीं करना था।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान दवाओं की जमाखोरी और कालाबाजारी के मामले में दिल्ली ड्रग कंट्रोल विभाग ने बुधवार को दिल्ली हाई कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया। ड्रग कंट्रोल विभाग ने हलफनामा में कहा कि सांसद गौतम गंभीर और उनके फाउंडेशन को अवैध रूप से बिना लाइसेंस के कोरोना की दवाओं की खरीद, जमाखोरी और वितरण नहीं करना चाहिए था। विभाग ने कहा कि ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है कि गौतम गंभीर से सहायता के लिए किसी ने संपर्क किया हो। ऐसे में उनकी ओर से दायर याचिका खारिज की जाए।
विभाग ने उस आरोप को भी ठुकराया जिसमें कहा गया था कि राज्य सरकार के अधिकारी कोरोना की दवाओं की कमी दूर करने में विफल रहे थे। विभाग ने हलफनामा में कहा कि इस अवधि के दौरान एक चिकित्सा शिविर में फैबीफ्लू के 2349 स्टिप्स वितरित की गई थीं। उस समय दवाओं की भारी कमी के बावजूद फाउंडेशन के कब्जे से 285 फैबीफ्लू की स्टिप्स मिली थीं। वहीं, याचिकाकर्ताओं के वकील जय अनंत देहद्राई ने कहा है कि एक अभूतपूर्व आपदा के दौरान एक धर्मार्थ गतिविधि करने के लिए किसी लाइसेंस की आवश्यकता नहीं थी और ऐसे कृत्यों के लिए आपराधिक कार्यवाही शुरू करना न्याय का घोर अन्याय होगा।