Driverless Metro: भारत ने रचा इतिहास, US-UK और चीन समेत विश्व के कई दिग्गज देशों में हुआ शामिल
अमेरिका और यूरोपीय महाद्वीप के आधा दर्जन देशों के कई शहरों में दशकों से ड्राइवर लेस ट्रेनों का संचालन किया जाता रहा है। ब्राजील पेरू और चाइल में तो कई सालों पहले से ही ड्राइवर लेस मेट्रो का संचालन होता रहा है।
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। सोमवार दोपहर ठीक एक बजे जैसे ही दिल्ली मेट्रो की ड्राइवर रहित ट्रेन ने शाहीन बाग से रफ्तार भरी तो भारत ने एक इतिहास रच दिया। दरअसल, भारत अब डेनमार्क, स्पेन, इटली, फ्रांस, जर्मनी, हंगरी, स्विट्जरलैंड और ब्रिटेन के साथ-साथ अमेरिका और कनाडा जैसे देशों की श्रेणी में आ गया है, जहां ड्राइवरलेस मेट्रो ट्रेनों का सफल संचालन किया जाता है। यहां पर यह जान लेना जरूरी है कि अमेरिका और यूरोपीय महाद्वीप के आधा दर्जन देशों के कई शहरों में दशकों से ड्राइवर लेस ट्रेनों का संचालन किया जाता रहा है। ब्राजील, पेरू और चाइल में तो काफी पहले से ही ड्राइवर लेस मेट्रो का संचालन किया जाता है। इससे न केवल खर्च बचता है, बल्कि तकनीकी खामियां भी कम आती हैं।
इन देशों में चलती है चालक रहित मेट्रो
यूरोप में डेनमार्क, स्पेन, इटली, फ्रांस, जर्मनी, हंगरी, स्विट्जरलैंड और ब्रिटेन में भी ड्राइवर लेस मेट्रो चलती है। इन देशों में एक से अधिक शहरों में भी ऐसी मेट्रो चलाई जाती है। इनके अलावा अमेरिका और कनाडा में भी ड्राइवरलेस ट्रेन चलती है। इतना ही नहीं, पड़ोसी मुल्क चीन के अलावा ब्राजील और पेरू में भी ड्राइवरलेस मेट्रो का संचालन काफी पहले से होता रहा है।
बता दें कि दिल्ली में तीसरे फेज की मेट्रो लाइनों पर चालक रहित ट्रेन चलाई जाएगी। इनमें मुकंदपुर से शिव विहार वाली पिंक लाइन और जनकपुरी से बोटानिकल गार्डन वाली मेजेंटा लाइन है। फिलहाल बॉटनिकल से जनकपुरी के बीच ड्राइवर लेस ट्रेन का संचालन किया जा रहा है। चालक रहित मेट्रो ट्रेन की खूबियों की बात करें तो यह एक एडवांस टेक्नोलाजी है और दुनियाभर में तेजी से इस्तेमाल की जा रही है। ड्राइवरलेस ट्रेन से मतलब कम्यूनिकेशन बेस्ड ट्रेन कंट्रोल सिस्टम से है, जिसमें ट्रैक पर चलने वाली सभी ट्रेनें आपस में और कंट्रोल रूम से डिजिटल रेडियो कम्यूनिकेशन के जरिए एक दूसरे से जुड़ी होती हैं। चालक रहित सभी ट्रेनें 6 कोच वाली हैं और सीबीटीसी यानी ड्राइवरलेस ऑपरेशन तकनीकी से लैस हैं। इसी तरह की ट्रेनों में ड्राइवर केबिन नहीं होगा, इसलिए करीब 40 ज्यादा मुसाफिर सफर कर पाएंगे।
चालक रहित मेट्रो ट्रेन की खूबी
1. ट्रेन का चलना, रुकना, स्पीड पकड़ना, ब्रेक लगाना, दरवाजों का खुलना और बंद होना, साथ ही इमरजेंसी हालात को कंट्रोल करना सब कुछ आटोमैटिक (स्वतः) होगा।
2. मेट्रो ट्रेन के सामने में कैमरा होगा। यह कैमरा ट्रेन के आगे की पूरी तस्वीर लाइव कंट्रोल रूम में दिखाएगा।
3. ट्रेन के अंदर लगे सीसीटीवी कैमरे की लाइव स्ट्रीमिंग कंट्रोल रूम में होगी. इसी तरह कंट्रोल रूम से भी ट्रेन के भीतर लाइव वीडियो स्ट्रीमिंग के जरिए संपर्क किया जा सकता है।
4. मेट्रो ट्रेन में चालक नहीं होने की सूरत में LED स्क्रीन के जरिए लाइव वीडियो स्ट्रीमिंग की जाएगी।
5. ओडीडी डिवाइस ट्रैक पर लगे होंगे, जो ट्रैक पर आने वाली किसी छोटी रुकावट को हटाकर ट्रेन को पटरी से उतरने यानी डीरेल होने से बचाएगा।
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