डीपीसीसी ने निरस्त किए बायोमेडिकल वेस्ट निस्तारण संयंत्र लगाने के लिए मंगाए गए टेंडर, बढ़ेगी परेशानी
डीपीसीसी ने दो बायोमेडिकल वेस्ट निस्तारण संयंत्र स्थापित करने के लिए मंगाई गई निविदाओं को रद कर दिया है। इसके पीछे प्रशासनिक कारणों का हवाला दिया गया है। यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है जब शहर में बड़ी मात्रा में कोविड-19 कचरा निकल रहा है।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) ने दिल्ली में दो बायोमेडिकल वेस्ट निस्तारण संयंत्र स्थापित करने के लिए मंगाई गई निविदाओं को रद कर दिया है। ऐसा करने के पीछे प्रशासनिक कारणों का हवाला दिया गया है। यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है, जब शहर में बड़ी मात्रा में कोविड-19 कचरा निकल रहा है।
डीपीसीसी ने 22 मार्च को दो नए बायोमेडिकल वेस्ट निस्तारण संयंत्र लगाने के लिए निविदाएं मांगी थीं। इसके बाद छह जुलाई को डीपीसीसी ने दो प्रस्तावों का चयन भी कर लिया था, लेकिन अब डीपीसीसी की वेबसाइट पर उपलब्ध एक प्रपत्र में कहा गया है कि डीपीसीसी द्वारा 22 मार्च को जारी की गई निविदा और छह जुलाई के प्रस्तावों को प्रशासनिक कारणों से रद कर दिया गया है।
राजधानी में अभी दो बायोमेडिकल निस्तारण संयंत्र (सीबीडब्ल्यूटीएफ) हैं। इनमें से एक पश्चिमी दिल्ली के निलोठी में एसएमएस वाटर ग्रेस बीएमडब्ल्यू प्राइवेट लिमिटेड जबकि दूसरा जहांगीरपुरी में बायोटिक वेस्ट साल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड है, जिनकी क्षमता क्रमश: 12 टन और 34 टन प्रतिदिन है। डीएचएस अनुबंध के तहत चल रहे सीबीडब्ल्यूटीएफ में से एक की वैधता 2020 तक थी। फिलहाल यह विस्तार दिए जाने के अनुसार चल रहा है।
डीपीसीसी ने पहले कहा था कि दिल्ली में 2031 तक प्रतिदिन लगभग 80 हजार किलोग्राम बायोमेडिकल वेस्ट पैदा होगा और दिल्ली के पूर्वी, उत्तर-पूर्वी, शाहदरा, मध्य, दक्षिण पश्चिमी और पश्चिमी जिले की जरूरतों को पूरा करने के लिए दो सीबीडब्ल्यूटीएफ की आवश्यकता होगी।