Doctors Strike: डॉक्टरों की हड़ताल के कारण ओपीडी सेवा रही बाधित, कम संख्या में देखे गए मरीज

Doctors Strike in Delhi फेडरेशन आफ रेजिडेंट डाक्टर्स एसोसिएशन (फोर्डा) ने 27 नवंबर से हड़ताल की घोषणा की थी। इस वजह से केंद्र व दिल्ली सरकार के सभी अस्पतालों की ओपीडी में मरीजों का इलाज प्रभावित हुआ।

By Prateek KumarEdited By: Publish:Sat, 27 Nov 2021 05:12 PM (IST) Updated:Sat, 27 Nov 2021 05:12 PM (IST)
Doctors Strike: डॉक्टरों की हड़ताल के कारण ओपीडी सेवा रही बाधित, कम संख्या में देखे गए मरीज
नाराज रेजिडेंट डाक्टरों ने सरकारी अस्पतालों की ओपीडी में हड़ताल की।

नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। मेडिकल स्नातकोत्तर (पीजी) में दाखिले के लिए राष्ट्रीय पात्रता व प्रवेश परीक्षा (नीट)-पीजी की काउंसलिंग में देरी से नाराज रेजिडेंट डाक्टरों ने शनिवार को एम्स को छोड़कर दिल्ली के अन्य सभी सरकारी अस्पतालों की ओपीडी में हड़ताल की। फेडरेशन आफ रेजिडेंट डाक्टर्स एसोसिएशन (फोर्डा) ने 27 नवंबर से हड़ताल की घोषणा की थी। इस वजह से केंद्र व दिल्ली सरकार के सभी अस्पतालों की ओपीडी में मरीजों का इलाज प्रभावित हुआ।

ओपीडी में मौजूद नहीं रहे डॉक्टर

रेजिडेंट डाक्टर ओपीडी में ड्यूटी पर मौजूद नहीं रहे। केंद्र सरकार के सफदरजंग, आरएमएल अस्पताल व लेडी हार्डिंग मेडिकल कालेज में रेजिडेंट डाक्टरों ने प्रदर्शन कर केंद्र सरकार से नीट-पीज की काउंसलिंग जल्द कराने की मांग की। शनिवार को अस्पतालों में आधे दिन की ही ओपीडी होती है। यदि रेजिडेंट डाक्टरों की यह हड़ताल लंबी चली तो सोमवार से मरीजों की मुश्किलें ज्यादा बढ़ सकती है। इसके मद्देनजर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मामले को गंभीरता से लिया है। यही वजह है कि फोर्डा के अध्यक्ष डा. मनीष व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने मुलाकात कर इस मामले पर बातचीत की।

डॉक्टरों की संख्या कम रहने के कारण मरीजों को हुई परेशानी

फोर्डा देर शाम तक आगे की रणनीति तय करेंगा। शनिवार को अस्पतालों की ओपीडी में वरिष्ठ डाक्टर ड्यूटी पर मौजूद थे लेकिन रेजिडेंट डाक्टरों के मौजूद नहीं होने से कम संख्या में मरीज देखे गए। इस वजह से मरीजों को इलाज के लिए परेशान होना पड़ा। खास तौर पर ज्यादातर नए मरीजों को इलाज के बगैर वापस लौटना पड़ा।

सामान्य से कम रही मरीजों की संख्या

आरएमएल अस्पताल के एक वरिष्ठ डाक्टर ने बताया कि सामान्य दिनों मुकाबले ओपीडी में मरीजों की संख्या आधी रही। कुछ मरीजों की सर्जरी भी प्रभावित हुई है। लोकनायक अस्पताल प्रशासन के अनुसार ओपीडी में करीब 1500 मरीज देखे गए। जबकि सामान्य दिनों में 3000-4000 मरीज देखे जाते हैं। हालांकि, अस्पतालों में इमरजेंसी सेवा व वार्डों में भर्ती मरीजों का इलाज सामान्य रूप से हुआ। दअरसल, नीट-पीजी की काउंसलिंग करीब सात माह से लंबित है। नीट-पीजी में ओबीसी व आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए आरक्षण लागू करने के मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। जिस पर सुनवाई की तारीख छह जनवरी 2022 तय की गई है। तब तक काउंसलिंग पर रोक है।

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