मैक्स अस्पताल के डॉक्टरों ने इस थेरेपी का इस्तेमाल करके कोरोना संक्रमित गंभीर मरीजों को ठीक करने में पाई सफलता
मोनोक्लोनल एंटीबाडी काकटेल (एमएसी) थेरेपी से उच्च जोखिम वाले तीन मरीजों को ठीक करने और उन्हें गंभीर स्थिति में पहुंचने से बचाने में मैक्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल शालीमार बाग के डाक्टरों को सफलता मिली है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। मोनोक्लोनल एंटीबाडी काकटेल (एमएसी) थेरेपी से उच्च जोखिम वाले तीन मरीजों को ठीक करने और उन्हें गंभीर स्थिति में पहुंचने से बचाने में मैक्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल शालीमार बाग के डाक्टरों को सफलता मिली है। डाक्टरों का दावा है कि यहां एक वरिष्ठ नागरिक सहित तीन उच्च जोखिम वाले कोरोना संक्रमित मरीजों को एमएसी थेरेपी द्वारा गंभीर जटिलताएं विकसित होने से बचाया जा सका।
डा एसएल चावला (78) को पहले से ही ह्दय और धमनियां ब्लाक होने जैसी समस्याएं थीं। कोरोना जांच में उनकी रिपोर्ट पाजीटिव आई। उन्हें नौ जून को एमएसी थेरेपी दी गई। साथ ही उनकी बेटी डा गरिमा चावला (36) को चौथे दिन थेरेपी दी गई। वहीं, उच्च रक्तचाप से ग्रस्त एक अन्य मरीज अशोक गुप्ता (59) को चार दिनों से कोरोना के लक्षण थे। थेरेपी से पहले 14 जून को उनका वायरल लोड बहुत अधिक हो गया था। तीनों का इलाज डा आलोक जोशी और डा नीति परवेश ने किया। इनके बारे में बताते हुए डा परवेश ने कहा पहले से बीमारियों से पीडि़त वरिष्ठ नागरिकों में उपचार के साथ तेजी से रिकवरी हुई।
इनमें डा चावला की कई धमनियां ब्लाक होने से उनको स्टंट डलने के साथ उनकी बाईपास सर्जरी भी हो चुकी थी। वहीं, दूसरे मरीज अशोक गुप्ता को डायबिटीज और उच्च रक्तचाप की शिकायत थी। इनमें एक रोगी को एमएसी थेरेपी देने के 24 घंटों के भीतर छुट्टी दे दी गई और अन्य दो रोगियों को 48 घंटे के बाद छुट्टी दी गई क्योंकि वे थोड़ी देर के लिए अस्पताल की निगरानी में रहना चाहते थे।