Back Pain: कमर दर्द को नजरअंदाज करने की भूल न करें, हो सकती है ये गंभीर बीमारी

कमर दर्द होने पर शुरुआत में अक्सर लोग उसे नजरअंदाज करते हैं। परेशानी ज्यादा बढ़ने पर गठिया या कोई और बीमारी मानकर इलाज किया जाता है। लेकिन हर मरीज के मामले में बीमारी का कारण अलग हो सकता है।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Sun, 17 Oct 2021 08:22 AM (IST) Updated:Sun, 17 Oct 2021 08:22 AM (IST)
Back Pain: कमर दर्द को नजरअंदाज करने की भूल न करें, हो सकती है ये गंभीर बीमारी
हल्के में न लें कमर दर्द, फ्लोराइड जकड़ रहा हड्डियां

नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। कमर दर्द होने पर शुरुआत में अक्सर लोग उसे नजरअंदाज करते हैं। परेशानी ज्यादा बढ़ने पर गठिया या कोई और बीमारी मानकर इलाज किया जाता है। लेकिन, हर मरीज के मामले में बीमारी का कारण अलग हो सकता है। पेजयल में फ्लोराइड की अधिकता के कारण भी हड्डियां प्रभावित होती हैं। लिहाजा, पेयजल में फ्लोराइड की अधिकता भी लंबे समय से कमर दर्द व जोड़ों की हड्डियों में कठोरता व जकड़न का कारण हो सकती है। एम्स में ऐसा ही एक मामला सामने आया है। केस स्टडी से जुड़ी रिपोर्ट हाल ही में अंतरराष्ट्रीय मेडिकल जर्नल (द न्यू इंग्लैंड जर्नल आफ मेडिसिन) में भी प्रकाशित की गई है।

वैसे फ्लोरोसिस (दांत व हड्डियों में विकार की बीमारी) कोई नहीं बीमारी नहीं है। लेकिन, एम्स के डाक्टर कहते हैं कि उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के नजदीक स्थित एक गांव के रहने वाले 32 वर्षीय युवक को आठ सालों से कमर दर्द की बीमारी थी। गले, कंधे व कूल्हे की हड्डी में भी जकड़न आ गई थी। इस वजह से हड्डियों के जोड़ ठीक से घूम नहीं पा रहे थे। गठिया की बीमारी समझकर युवक एम्स में रुमेटोलाजी की ओपीडी में इलाज के लिए पहुंचा।

रुमेटोलाजी विभाग के विशेषज्ञ डा. रंजन गुप्ता ने कहा कि मरीज के एक्सरे रिपोर्ट देखकर यह महसूस हुआ कि उसे गठिया नहीं है। क्योंकि गठिया होने पर हड्डियां पतली हो जाती हैं। जबकि मरीज की हड्डियां एक्सरे में मोटी दिख रही थीं। दांत भी पीले और खराब हो रहे थे। मरीज के परिवार के कई अन्य सदस्यों को भी उनसे मिलती जुलती बीमारी थी। तब मरीज के ब्लड व यूरिन की जांच कराई गई, जिसमें फ्लोराइड की मात्र अधिक पाई गई।

मरीज के गांव में पेयजल के लिए इस्तेमाल होने वाले भूजल का सैंपल भी मंगाकर जांच की गई। पानी के सैंपल में भी फ्लोराइड की मात्र अधिक मिली। इसके बाद इलाज शुरू हुआ और फ्लोराइड युक्त पानी का इस्तेमाल बंद करने की सलाह दी। दो साल बाद मरीज ने डाक्टरों को दर्द से 50 फीसद राहत बताई है। डा. रंजन गुप्ता ने कहा कि फ्लोराइड दांतों के सामान्य विकास और स्वास्थ्य के लिए भी आवश्यक है। पर जब यही फ्लोराइड खानपान के जरिये शरीर में अधिक पहुंचने लगे तो यह हड्डियों और दांतों पर जमा होकर उसे कमजोर बना देता है।

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