Diwali 2021: लोग स्वदेशी पर दे रहे जोर, मिट्टी के दीये जलेंगे हर ओर

सुल्तानपुरी में मिट्टी के बर्तन व खिलौने बनाने वाले कारीगर राजेंद्र प्रजापति ने बताया कि करवाचौथ से पहले ही मिट्टी के दीयों को बनाना शुरू कर दिया था। उनके अनुसार इस बार दीपावली से पहले मिट्टी के कलश व दीपों की मांग में तेजी आई है।

By Prateek KumarEdited By: Publish:Thu, 28 Oct 2021 04:32 PM (IST) Updated:Thu, 28 Oct 2021 04:32 PM (IST)
Diwali 2021: लोग स्वदेशी पर दे रहे जोर, मिट्टी के दीये जलेंगे हर ओर
मिट्टी के कलश व दीपों की मांग में तेजी आई है।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दीपावली में दीयों से घर जगमगाए, इसके लिए मिट्टी के दीयों से बेहतर कुछ भी नहीं। आधुनिकता के इस युग में भी मिट्टी के दीये की मांग कम नहीं हुई है। बरसों पुरानी चली आ रही परंपरा को निभाते हुए मिट्टी के कारीगर दीपोत्सव के लिए मिट्टी के दीये बनाने में जुटे हैं।

करवाचाैथ से पहले दीयों को बनाना किया था शुरू

सुल्तानपुरी में मिट्टी के बर्तन व खिलौने बनाने वाले कारीगर राजेंद्र प्रजापति ने बताया कि करवाचौथ से पहले ही मिट्टी के दीयों को बनाना शुरू कर दिया था। उनके अनुसार इस बार दीपावली से पहले मिट्टी के कलश व दीपों की मांग में तेजी आई है। लोग इसके लिए आर्डर भी दे रहे हैं।

काम बेहतर होगा तो मिलेगी कीमत

आर्थिक नुकसान को लेकर कारीगरों का कहना है कि कोरोना के कारण काम बंद होने से खिलौने नहीं बना सके और नुकसान ङोलना पड़ा। फिर भी वह अपनी परंपरागत पेशे से दूर नहीं होना चाहते। सुल्तानपुरी में वर्षों से मिट्टी का करवा व बर्तन बनाने में जुटा सत्यवती देवी का परिवार भी इसी सोच के तहत काम कर रहा है। उन्होंने बताया कि दीपों को बनाने के बाद उसे सुखाने और पकाने तक के कार्यों में पूरा परिवार जुटा रहता है।

स्वदेशी अपनाने पर दिया जोर

दूसरी ओर जहांगीरपुरी में रहने वाले मिट्टी के बर्तन बनाने वाले कारीगर राजेंद्र कुमार का कहना है कि स्वदेशी अपनाने पर जोर होने की वजह से लोग मिट्टी के सामान को ज्यादा खरीद रहे हैं। पिछले वर्ष भी बिक्री ठीक थी और इस बार भी व्यवसाय ठीक रहने की उम्मीद है। इस वर्ष दीया, मिट्टी के बर्तन और कलश की अच्छी बिक्री होने की उम्मीद है। दीपावली तक बिक्री और बढ़ने की संभावना है। कई लोग इस वर्ष जरूरतमंदों में मिट्टी के दीये बांटने के लिए भी आर्डर दे रहे हैं।

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