Delhi-2047 Platform News: विश्वपटल पर भी बने देश की राजधानी दिल्ली की अलग पहचान

Delhi-2047 Platform News दिल्ली सरकार ने यदि राजधानी को विश्वस्तरीय शहर के रूप में विकसित करने के लिए 2047 तक का लक्ष्य तय किया है और उसके अनुरूप कार्य करने के बारे में सोच रही है तो इसका स्वागत किया जाना चाहिए।

By Jp YadavEdited By: Publish:Wed, 04 Aug 2021 10:56 AM (IST) Updated:Wed, 04 Aug 2021 10:56 AM (IST)
Delhi-2047 Platform News: विश्वपटल पर भी बने देश की राजधानी दिल्ली की अलग पहचान
Delhi-2047 Platform News: विश्वपटल पर भी बने देश की राजधानी दिल्ली की अलग पहचान

नई दिल्ली [सौरभ श्रीवास्तव]। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद ने मंगलवार को दिल्ली-2047 प्लेटफार्म लॉन्च किया है। इसका मकसद स्वतंत्रता के 100वें वर्ष तक दिल्ली का विभिन्न क्षेत्रों में विकास करने के लिए उद्योगों और विभिन्न संगठनों की साझेदारी बढ़ाने का एक मंच तैयार करना है। इसके जरिये सभी की विशेषज्ञता, विचार और भागीदारी हासिल करने का प्रयास किया जाएगा। निश्चित तौर पर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली को एक वैश्विक शहर के रूप में विकसित किया ही जाना चाहिए। यहां की छोटी-बड़ी सभी समस्याओं को जल्द से जल्द दूर किया जाना चाहिए, ताकि न सिर्फ दिल्ली में रहने वालों को एक बेहतर शहर में रहने का अनुभव मिले, बल्कि विश्वपटल पर भी देश की राजधानी की अलग पहचान बने।

दिल्ली सरकार ने यदि राजधानी को विश्वस्तरीय शहर के रूप में विकसित करने के लिए 2047 तक का लक्ष्य तय किया है और उसके अनुरूप कार्य करने के बारे में सोच रही है तो इसका स्वागत किया जाना चाहिए। हालांकि, दिल्ली हाल के समय में जिन गंभीर समस्याओं से दो-चार हो रही है, उनके निवारण के लिए दीर्घकालीन लक्ष्य बनाने के बजाय, उनपर त्वरित कदम उठाकर जल्द से जल्द लोगों को राहत दिलाने का प्रयास किए जाने की जरूरत है। यह कम चिंता का विषय नहीं कि राष्ट्रीय राजधानी में रह रहे लोग आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं।

स्थिति का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि दिल्ली के सभी इलाकों में आज भी जल बोर्ड की पाइपलाइन नहीं पहुंच सकी है और पीने के पानी के लिए भी कई क्षेत्रों में लोगों को बाल्टी लेकर भागते देखा जा सकता है। वायु प्रदूषण के स्तर में आंशिक सुधार हुआ है, लेकिन इसपर अब भी गंभीरता से बहुत कुछ किए जाने की आवश्यकता है।

मानसून के समय होने वाला जलभराव भी देश राजधानी में कतई स्वीकार नहीं किया जा सकता। ऐसे में सरकार को यह देखना होगा कि भविष्य की योजनाएं तो जरूर बनाए, लेकिन मौजूदा समस्याओं के जल्द निवारण की दिशा में भी उतना ही गंभीरता दिखाए।

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