Kisan Andolan: राकेश टिकैत और गुरनाम सिंह चढ़ूनी में दिखा मतभेद, पढ़िये- किसे कह दिया केंद्र सरकार का आदमी
Kisan Andolan संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले चल रहे तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन में तकरीबन हर महीने सिर फुटौव्वल की नौबत आ रही है। ताजा मामला राकेश टिकैत और गुरनाम सिंह का है।
नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले चल रहे तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन में तकरीबन हर महीने सिर फुटौव्वल की नौबत आ रही है। ताजा मामला हरियाणा के किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी और भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के बीच का है। मंगलवार को दोपहर में संयुक्त किसान मोर्चा की अहम बैठक में मतभेद खुलकर सामने आ गए।
राकेश टिकैत के दूसरे कमरे में जाने पर उठाए सवाल
बताया जा रहा है कि मंगवलार को दोपहर में संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक के दौरान ही किसान नेता राकेश टिकैत उठकर दूसरे कमरे में चले गए। इस पर बाहर खड़े गुरनाम सिंह चढ़ूनी के समर्थकों ने सवाल उठाए और नारेबाजी शुरू कर दी।
राकेश टिकैत को लेकर हूटिंग भी हुई
बैठक से बाहर गुरनाम सिंह चढ़ूनी समर्थकों ने कहा कि बैठक के बीच में राकेश टिकैत मीडिया से बात करने क्यों जा रहे हैं। मीडिया अहम है या फिर मोर्चा की बैठक। यही नहीं, गुरनाम सिंह चढ़ूनी समर्थकों ने राकेश टिकैत को सरकार का आदमी बताते हुए हूटिंग भी की।
शीतकालीन सत्र के दौरान संसद भवन पर करेंगे प्रदर्शन
करीब साढ़े तीन घंटे चली बैठक के बाद मोर्चा के प्रमुख नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल ने बैठक में लिए गए निर्णय की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सबसे पहले 23 से 26 नवंबर तक सभी मोचरें पर प्रदर्शनकारियों की संख्या बढ़ाने पर जोर दिया गया है। इसके अलावा 29 नवंबर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान प्रदर्शनकारी रोज संसद भवन के समक्ष प्रदर्शन करेंगे। इसके लिए आवागमन के लिए खोले गए गाजीपुर व टीकरी बार्डर से रोज 500-500 प्रदर्शन ट्रैक्टर-ट्रालियों में सवार होकर रवाना होंगे। इनमें सभी जत्थेबंदियों के लोगों के अलावा महिलाएं भी शामिल रहेंगी। इस दौरान जहां भी पुलिस उन्हें रोकेगी, वहीं पर वे गिरफ्तारी देंगे।
वहीं, एक साल पहले लाए गए तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को पूरी तरह से वापस लेने की मांग को लेकर दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बार्डर पर जारी धरना प्रदर्शन को लेकर बुरी खबर आ रही है।जागरण संवाददाता से मिली जानकारी के मुताबिक, तीनों केंद्रीय कृषि कानून के विरोध प्रदर्शन में चल रहे प्रदर्शन में शामिल 45 वर्षीय गुरप्रीत सिंह ने आत्महत्या कर ली। पंजाब के फतेहगढ़ जिले के रहने वाले गुरप्रीत सिंह ने नीम के पेड़ से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। वह पार्कर माल के पास गांव की ट्राली में रहते थे। फिलहाल उनके सभी साथी गांव चले गए थे और वह यहां अकेले हे थे। बताया जाता है कि वे भारतीय किसान यूनियन सिद्धपुर से जुड़े थे। इनके प्रधान जगजीत सिंह दल्लेवाल हैं।
उधर, सूचना मिलने पर थाना कुंडली पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए नागरिक अस्पताल, सोनीपत भिजवा दिया है। फिलहाल आत्महत्या के कारणों का पता नहीं चल पाया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
इससे पहले फरवरी महीने में भी टीकरी बार्डर पर प्रदर्शन में शामिल एक किसान ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी, जबकि एक अन्य किसान सुखमिंदर सिंह (60) की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी। टीकरी बार्डर पर आत्महत्या करने वाला किसान कुछ ही दिन पहले आंदोलन में शामिल हुआ था। यह किसान आत्महत्या से एक दिन पहले बहुत निराश था और निराशा भरी बातें भी कर रहा था, इसके बाद देर रात उसने फांसी लगाकर जान दे दी। इस किसान का नाम कर्मवीर पुत्र दरियाव सिंह था। कर्मवीर ने बाईपास स्थित नए बस स्टैंड के पास एक पेड़ पर प्लास्टिक की रस्सी का फंदा लगाकर जान दे दी थी। अगले दिन सुबह किसानों को उसका शव पेड़ से फंदे पर लटका मिला। मौके से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है, जिसमें लिखा है कि भारतीय किसान यूनियन जिंदाबाद।