Unique Refrigerator: भारतीय वैज्ञानिकों के बनाए इस फ्रिज में 15 दिनों तक सुरक्षित रहेंगी फल-फूल व सब्जियां, जानिये- खूबियां

Unique Refrigerator भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के विज्ञानियों ने फल- फूल व सब्जियों की खेती करने वाले किसानों के इस दर्द को समझा और उनके लिए सौर ऊर्जा से संचालित एक ऐसा फ्रिज तैयार किया जो उनके उत्पाद को 15 दिनों तक सुरक्षित रखेगा।

By JP YadavEdited By: Publish:Fri, 26 Feb 2021 11:28 AM (IST) Updated:Fri, 26 Feb 2021 11:33 AM (IST)
Unique Refrigerator: भारतीय वैज्ञानिकों के बनाए इस फ्रिज में 15 दिनों तक सुरक्षित रहेंगी फल-फूल व सब्जियां, जानिये- खूबियां
आने वाले कुछ दिनों में यह फ्रिज बाजार में उपलब्ध रहेगा।

नई दिल्ली [गौतम कुमार मिश्र]। फल- फूल व सब्जियों को सुरक्षित रखना किसानों के लिए एक बड़ी चुनौती है। कई किसान सुरक्षित भंडारण की सुविधा नहीं होने के कारण अपने उत्पाद औने पौने भाव में बेचने को मजबूर हो जाते हैं। कई बार तत्काल खरीदार व सुरक्षित भंडारण नहीं होने की स्थिति में उनके हाथ सिवाय अफसोस के कुछ भी नहीं लगता। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के विज्ञानियों ने फल- फूल व सब्जियों की खेती करने वाले किसानों के इस दर्द को समझा और उनके लिए सौर ऊर्जा से संचालित एक ऐसा फ्रिज तैयार किया जो उनके उत्पाद को 15 दिनों तक सुरक्षित रखेगा। इस फ्रिज में दो टन उत्पाद के भंडारण की क्षमता है। आने वाले कुछ दिनों में यह फ्रिज बाजार में उपलब्ध रहेगा।

पांच किलोवाट सौर बिजली से चलता है फ्रिज

इस फ्रिज की छत पर लगे सौर पैनल से पांच किलोवाट बिजली पैदा होती है। दिन में इस बिजली से डेढ़ टन क्षमता वाला एयरकंडीशन चलता है। दिन में ही फ्रिज के चारों ओर से गुजरने वाली पानी की पाइपलाइन अंदर के तापमान से पूरी तरह ठंडी हो जाती है। दिन ढलने पर एयरकंडीशन की बजाय यही ठंडा पानी पाइपों से गुजरते हुए अंदर के तापमान को नियंत्रित रखता है। फ्रिज के निर्माण में ऐसी सामग्री का इस्तेमाल किया गया है जिसमें कम तापमान को अधिक समय तक बरकरार रखने की क्षमता है। इससे अंदर की शीतलता एयरकंडीशन बंद होने के बाद भी काफी समय तक कायम रहती है। तापमान में जो बढ़ोतरी होती है उसे पानी की पाइपलाइन में बह रहा ठंडा पानी नियंत्रित कर देता है।

तीन वर्षों से कर रहे थे मेहनत

पूसा के विज्ञानी इस फ्रिज के निर्माण के लिए तीन वर्षों से शोध में जुटे थे। उनके सामने कई चुनौतियां थी। पहली चुनौती इसके निर्माण की लागत को कम रखने व दूसरा इसकी कार्यप्रणाली को सरल बनाने की थी ताकि इसका इस्तेमाल बिना किसी परेशानी के किसान कर सकें। शोध के दौरान ही दो स्थानों पर प्रायोगिक तौर पर फ्रिज बनाए गए ताकि वहां के परिणाम का निरीक्षण किया जा सके। इन दो स्थानों में एक राजस्थान के अजमेर जिला स्थित पिचौलिया तथा दूसरा गांव पानीपत जिले में स्थित है। दोनों ही जगह जो फ्रिज बनाए गए, वे पूरी तरह सफल साबित हुए। अब पूसा संस्थान इस फ्रिज के निर्माण के लिए एक कंपनी से समझौता करने की तैयारी में है। विज्ञानियों का कहना है कि फ्रिज के निर्माण पर करीब साढ़े पांच लाख की लागत आई है। हालांकि इसकी अंतिम कीमत पर निर्णय बाद में लिया जाएगा।

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से पिचौलिया गांव के किसानों से इस फ्रिज के बारे में उनके अनुभव की जानकारी प्राप्त की। किसानों ने उन्हें बताया कि इस फ्रिज का उन्हें बहुत फायदा हुआ। पहले उन्हें खेत से फूल फौरन लेकर जाना पड़ता था। वहां फूल के नहीं बिकने पर खराब होने का अंदेशा हमेशा रहता था, लेकिन इस फ्रिज के आने के बाद फूलों का यहां करीब 10 दिन भंडारण किया गया और समय को देखते हुए किसानों ने इसकी बिक्री की।

वहीं, डॉ. इंद्रमणि मिश्रा (विभागाध्यक्ष, कृषि अभियांत्रिकी विभाग, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, पूसा) का कहना है कि इस फ्रिज की जरूरत लंबे समय से महसूस की जा रही थी। इसके निर्माण में रात दिन विज्ञानी जुटे थे। अब छोटे किसान भी अपने घर के आसपास इसे लगाकर फल- फूल व सब्जियों को खराब होने से बचा सकते हैं और समय अनुकूल होने पर उत्पाद की बिक्री कर सकते हैं। 

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