पढ़िए घर-घर राशन वितरण मुद्दे पर सीएम अरविंद केजरीवाल क्यों बोले, केंद्र की चिट्ठी आई है बहुत पीड़ा हुई

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने घर-घर राशन योजना पर केंद्र की ओर से मिले लेटर पर दुख जताया। इससे पहले उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने केंद्र सरकार पर दिल्ली सरकार की घर घर राशन योजना को नामंजूर करने का आरोप लगाया।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Publish:Wed, 23 Jun 2021 01:35 PM (IST) Updated:Wed, 23 Jun 2021 05:22 PM (IST)
पढ़िए घर-घर राशन वितरण मुद्दे पर सीएम अरविंद केजरीवाल क्यों बोले, केंद्र की चिट्ठी आई है बहुत पीड़ा हुई
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बोले कि केंद्र की चिट्ठी मिली है जिसको पढ़कर पीड़ा हुई है।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को कहा कि घर-घर राशन वितरण के मामले पर केंद्र सरकार की चिट्ठी मिली है इसको पढ़कर मन को बहुत पीड़ा हुई है। केंद्र सरकार किसी योजना को लागू करने में रूचि नहीं दिखा रही है। वो दिल्ली सरकार के कामों को रोकने में लगी हुई है। इन दिनों केंद्र सरकार का हर किसी से झगड़ा ही चल रहा है। एक ट्वीट में उन्होंने कहा कि हर वक्त हर किसी से झगड़ा सही नहीं, ट्विटर, ममता दीदी, महाराष्ट्र, झारखंड, दिल्ली सरकार, किसानों, व्यापारियों, पश्चिम बंगाल के चीH सेक्रेटरी तक से झगड़ा चल रहा है। उन्होंने कहा कि इतना झगड़ा, हर वक्त राजनीति से देश आगे कैसे बढ़ेगा? घर घर राशन योजना राष्ट्रहित में है। इस पर झगड़ा मत कीजिए।

केंद्र की चिट्ठी आयी है। बेहद पीड़ा हुई। इस क़िस्म के कारण देकर हर घर राशन योजना ख़ारिज कर दी-

राशन गाड़ी ट्रैफ़िक में फँस गयी या ख़राब हो गयी तो

तीसरी मंज़िल तक राशन कैसे जाएगा

(21वीं सदी का भारत चाँद पर पहुँच गया, आप तीसरी मंज़िल पर अटक गए)

संकरी गली में कैसे जाएगा https://t.co/SiJKbBDbtU" rel="nofollow

— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) June 23, 2021

उधर उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने केंद्र सरकार पर दिल्ली सरकार की घर घर राशन योजना को नामंजूर करने का आरोप लगाया है। पत्रकारवार्ता के दौरान उन्होंने केंद्रीय खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण सचिव के पत्र को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की साजिश तक कह दिया।

उपमुख्यमंत्री यहीं पर नहीं रूके उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आए दिन किसी न किसी राज्य से झगड़ने का आरोप भी लगा दिया। कहा कि उन्हीं के कहने पर सचिव ने पत्र लिखा और योजना रोकने के पीछे अजीबोगरीब बहाने गिना रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में राशन कैसे बांटा जाए, यह तय करना राज्य सरकार का अधिकार है मगर इसमें भी केंद्र अपनी चलाना चाह रहा है।

दिल्ली सरकार ने घर-घर राशन योजना को लेकर केंद्र सरकार पर आरोप तो लगा दिया है लेकिन सच्चाई यह है कि राज्य चाहे तो योजना शुरू कर सकता है। शर्त सिर्फ इतनी है कि इसके लिए दिल्ली सरकार को अधिसूचित कीमत पर अनाज खरीदना होगा। केंद्र सरकार का कहना है कि वर्तमान एनएफएसए (राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून) में कोई बदलाव संभव नहीं है। वह संसद से पारित कानून के हिसाब से हर राज्य के लिए एक समान है। उसमें निगरानी और पारदर्शिता का तंत्र जरूरी है।

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