Bangladesh Violence: बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले के विरोध में विहिप का देशभर में प्रदर्शन आज
Bangladesh Violence बांग्लादेश में के मंदिरों और पूजा पंडालों को निशाना बनाए जाने से आक्रोशित विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) बुधवार को चाणक्यपुरी स्थित बांग्लादेश उच्चायोग के साथ ही पूरे देश में आक्रोश प्रदर्शन करने की तैयारी की है। उच्चायोग के नजदीक विरोध प्रदर्शन बुधवार दोपहर में होगा।
नई दिल्ली [नेमिष हेमंत]। पड़ोसी देश बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ ही उनके मंदिरों और पूजा पंडालों को निशाना बनाए जाने से आक्रोशित विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) बुधवार को चाणक्यपुरी स्थित बांग्लादेश उच्चायोग के साथ ही पूरे देश में आक्रोश प्रदर्शन करने की तैयारी की है। उच्चायोग के नजदीक विरोध प्रदर्शन बुधवार दोपहर में होगा।
बता दें कि विहिप ने इस मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र संघ से हस्तक्षेप की मांग की है। उसने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र संघ को वहां हिंदुओं की रक्षा के लिए तत्काल सेना भेजनी चाहिए। इसके साथ ही उसने वहां की प्रधानमंत्री शेख हसीना को सुझाव दिया है कि अगर हालात वहां की पुलिस और सेना नहीं संभाल पा रही है तो इस मसले पर वह 1971 की तरह भारत सरकार से मदद लें।
परिषद के केंद्रीय संयुक्त महामंत्री डा. सुरेंद्र जैन ने कहा कि वहां अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हमलों को रोकने के लिए यूएनओ को तत्काल शांति सेना भेजनी चाहिए। उन्होंने बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना को सलाह देते हुए कहा है कि अगर इस्लामिक कट्टरपंथियों पर कड़ी कार्रवाई के मामले में उन्हें वर्ष 1971 जैसी आवश्यकता लगे तो भारत सरकार की भी सहायता लेनी चाहिए।
डा. सुरेंद्र जैन के मुताबिक बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं के खिलाफ हिंसा का असल जिम्मेदार उस देश का 'इस्लामिक' राष्ट्र घोषित होना है अगर उस राष्ट्र को विकास करना है तो पहले राष्ट्र के आगे से इस्लामिक शब्द हटाकर 'पंथनिरपेक्ष' लिखना होगा। उन्होंने कहा कि 'इस्लामिक' की जगह पंथनिरपेक्ष किए बिना बांग्लादेश को इस्लामिक कट्टरता से मुक्ति नहीं मिल सकती है।
बता दें कि पड़ोसी मुल्क में डा. सुरेंद्र जैन ने वहां के हालात की तुलना नाजियों से करते हुए कहा है कि बांग्लादेश घोषित इस्लामिक देश है। इसलिए अफगानिस्तान तथा पाकिस्तान की तरह वहां भी प्रारंभ से ही हिंदुओं पर अत्याचार होते रहे हैं लेकिन वर्तमान घटनाक्रम पहले से अधिक भयावह है।
पिछले 10 दिनों में ही 150 से अधिक मां दुर्गा के पूजा मंडप नष्ट कर दिए गए तथा 362 से अधिक मूर्तिया ध्वस्त कर दी गईं। इसी तरह हजारों हिंदुओं के घरों और दुकानों पर हमला करके लूटा गया है। इस्लामिक आक्रांताओं के इन हमलों में अब तक एक हजार से अधिक हिंदू घायल हुए हैं तो 10 से अधिक हिंदुओं के मारे जाने का समाचार मिला है। इसी तरह हिंदू महिलाओं के साथ सामूहिक दुष्कर्म हो रहे हैं। ऐसे एक मामले में एक 10 साल की मासूम बच्ची ने दम तोड़ दिया। उन्होंने बताया कि इन हमलों में इस्कान के तीन मंदिर, रामकृष्ण मिशन के आश्रमों व राम ठाकुर आश्रम जैसे 50 से अधिक प्रतिष्ठित मंदिर भी नष्ट हुए हैं। इस्कान के दो संतो तथा चौमोहिनी मंदिर के तीन पुजारियों की बर्बर हत्या कर दी गई है। सोमवार को ही इस्कान मंदिर के तालाब में एक और पुजारी का शव देखा गया है। कई जिलों में इंटरनेट की पाबंदी के कारण अधूरे समाचार मिले हैं। वास्तविकता इससे भी कहीं भयानक है।
ऐसे ही पाकिस्तानी सेना ने बांग्लादेशियों पर किया था अमावनीय अत्याचार
डा. सुरेंद्र जैन ने कहा कि पाकिस्तानी सेना के द्वारा सभी बंगालियों पर इसी प्रकार के अमानवीय अत्याचार किए जाते थे, जिन से मुक्ति दिलाने के लिए ही भारत ने मुक्ति वाहिनी का गठन किया था और बांग्लादेश का निर्माण हुआ था, लेकिन पाकिस्तानी अत्याचारों से मुक्ति पाते ही वहां के मुस्लिम समाज का असली चरित्र सामने आ गया और वहां की सरकारें इस बर्बर चरित्र की संरक्षक बन गई है। इस्लामिक देश घोषित करने के बाद वहां वेस्टेड प्रापर्टी एक्ट बनाया गया, जिसके अंतर्गत हिंदुओं की संपत्ति पर वहां की सरकार कभी भी कब्जा कर सकती है। विहिप का यह स्पष्ट मत है कि बंगलादेश के इस्लामिक चरित्र के कारण ही वहां की सरकार हिंदुओं पर अत्याचारों की मूकदर्शक ही नहीं प्रेरक भी बनती रही है। बंगलादेश को इस्लामिक देश की जगह धर्मनिरपेक्ष देश घोषित किए बिना वे कट्टरपंथियों के चंगुल से बाहर नहीं निकल सकते।