Delhi's Master Plan 2041: दिल्ली के 20 सालों के विकास का खाका तैयार, उपराज्यपाल ने दी मंजूरी
Delhis Master Plan 2041दिल्ली का मास्टर प्लान 2021 इस वर्ष खत्म हो रहा है। ऐसे में आने वाले 20 सालों के लिए दिल्ली के विकास की रूपरेखा तय करने की सोच के साथ डीडीए और नेशनल इंस्टीटयूट आफ अर्बन अफेयर्स (एनआइयूए) ने मिलकर नया मास्टर प्लान तैयार किया है।
नई दिल्ली [वीके शुक्ला]। दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने दिल्ली के मास्टर प्लान 2041 का पूरा मसौदा तैयार कर लिया है। मंगलवार को हुई डीडीए बोर्ड की बैठक में इस ड्राफ्ट को उपराज्यपाल अनिल बैजल की मंजूरी भी मिल गई। अब जनता की आपत्तियां और सुझाव मांगने को 45 दिनों के लिए यह वेबसाइट पर डाला जाएगा। इसके बाद इसे अधिसूचित करने के लिए केंद्रीय शहरी एवं आवास मंत्रालय को भेज दिया जाएगा। मालूम हो कि दिल्ली का मास्टर प्लान 2021 इस वर्ष खत्म हो रहा है। ऐसे में आने वाले 20 सालों के लिए दिल्ली के विकास की रूपरेखा तय करने की सोच के साथ डीडीए और नेशनल इंस्टीटयूट आफ अर्बन अफेयर्स (एनआइयूए) ने मिलकर नया मास्टर प्लान तैयार किया है।
क्या खास होगा मास्टर प्लान 2041 में
मास्टर प्लान 2041 का ड्राफ्ट दो वोल्यूम व नौ खंडों में विभाजित किया गया है, जिसमें 22 चेप्टर हैं। इसका विजन दिल्ली को 2041 तक एक स्थायी, जीवनयोग्य और जीवंत बनाना है। इसका एक भाग पर्यावरण और दूसरा अर्थव्यवस्था पर आधारित है। इसके अलावा तार्किंग योजना, प्लेटफॉर्म इकोनामी, असंगठित क्षेत्र की अर्थव्यवस्था, डिजिटल ढांचागत विकास की योजनाओं को सरल बनाने पर जोर दिया गया है। डीडीए के अनुसार दिल्ली मास्टर प्लान 2041 अबतक का सबसे बेहतर प्लान होगा।
डीडीए के उपाध्यक्ष अनुराग जैन ने कहा है कि यह वर्ष 1962, 2001, 2021 में लागू मास्टर प्लान का अपडेटेड प्लान है। इसे दिल्ली के नागरिकों के लिए सहज बनाने का प्रयास किया गया है। दिल्ली मास्टर प्लान 2041 में पर्यावरण, अर्थव्यवस्था, सार्वजनिक स्थलों, विरासत, आश्रय, गतिशीलता व सामाजिक और भौतिक संरचना के के लिए सेक्टर वाइज नीतियां बनाई गई हैं। इसमें दिल्ली के अलग-अलग भागों में विकास के लिए लैंड पू¨लग क्षेत्र, हरित विकास क्षेत्र, योजनाबद्ध और अनियोजित क्षेत्रों के पुनरुद्धार, ट्रांजिट ओरिएन्टेड विकास, युक्तिपूर्ण पुनरूद्धार के लिए खास विकास नीतियां बनाई गई हैं।
मास्टर प्लान में विशेष ध्यानार्थ मुद्दे
पर्यावरण
पर्यावरण और प्रदूषण के मामले में दिल्ली विश्व के प्रदूषित शहरों में से एक है। दिल्ली की आबोहवा लगभग पूरे साल गंभीर श्रेणी में रहती है। ऐसे में आने वाले बीस सालों में दिल्ली में बायो-डाइवर्सिटी पार्कों समेत अन्य बड़ी परियोजनाओं के माध्यम से पर्यावरण को ठीक करने की कोशिश की जाएगी।
यातायात
दिल्ली में वाहनों की बढ़ती संख्या के कारण पार्किंग और प्रदूषण की समस्या में लगातार इजाफा हो रहा है। जिसे दूर करने के लिए दिल्ली में आने वाले 20 सालों में नए साइकिल ट्रैक बनाए जाएंगे। साइकिलिंग को आने वाले दिनों में दिल्ली में वैकल्पिक यातायात के मोड के रूप में उपलब्ध कराने को लेकर काम किया जाएगा। दिल्ली में मौजूदा समय में 1 करोड़ 30 लाख से अधिक वाहन हैं। दिल्ली में मौजूदा समय में महज 212 किमी का साइकिल ट्रैक उपलब्ध है।
आवास
दिल्ली में आने वाले वर्षों में नए सिरे से आवासीय योजनाओं को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके लिए लैंड पू¨लग पालिसी के माध्यम से दिल्ली में लगभग 25 लाख नए आवास तैयार किए जाएंगे। इनमें फ्लैट, सस्ते किराये के मकान, प्लाट से जुड़े मकान शामिल होंगे। दिल्ली में जहां झुग्गी वहां मकान योजना के तहत भी लगभग 50 हजार फ्लैट आने वाले 20 सालों में तैयार किए जाएंगे।
विकास को लेकर एकीकृत नियम
दिल्ली में मौजूदा समय में अलग-अलग निकाय कार्य कर रहे हैं। जिसके चलते अलग-अलग इलाकों में विकास कार्यों के लिए कई निकायों से इजाजत लेनी होती है। नए मास्टर प्लान में इस व्यवस्था को खत्म कर पूरी दिल्ली के लिए एकीकृत नियम बनाए जाएंगे।
एनसीआर से जुड़ी होगी प्लानिंग
दिल्ली में आने वाले 20 वर्षों के तहत जो भी योजना तैयार की जाएगी, उसे सिर्फ दिल्ली ही नहीं बल्कि पूरे एनसीआर को दिमाग में रखकर तैयार किया जाएगा। जिससे दिल्ली का बोझ नजदीकी शहरों के साथ साझा किया जा सके। इसके तहत मेट्रो, रैपिड रेल, सड़कों का जाल समेत आवासीय योजनाओं को भी शामिल किया जाएगा।
बोर्ड बैठक में तेहखंड जोन एफ में सालिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट की स्थापना के लिए 10.99 एकड़ क्षेत्र के भूमि उपयोग को मनोरंजन से उपयोगिता (यू 4) में बदलने के लिए भी मंजूरी दे दी गई। अब अनुमोदन के विचारार्थ और अंतिम अधिसूचना जारी किए जाने के लिए यह केंद्रीय आवास और शहरी कार्य मंत्रालय को भेजा जाएगा। इसके अलावा बैठक में विकेंद्रित सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई। इस अनुमोदन को भी अधिसूचना जारी किए जाने के लिए आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय को भेजा जाएगा। यह जीरो वेस्ट सुविधाओं को बढ़ावा देगा। वर्तमान मानकों की समीक्षा करने के लिए डीडीए के मुख्य अभियंताओं, दिल्ली जल बोर्ड सहित डीडीए प्ला¨नग विभाग की एक समिति गठित की गई है।