Delhi Violence: JNU प्रशासन बोला - शेल्टर होम नहीं बन सकती यूनिवर्सिटी, पीड़ितों को शरण देने की बात पर छात्र संघ को नोटिस
दिल्ली में हुई हिंसा के पीड़ितों को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्र संघ (JNUSU) द्वारा कैंपस के अंदर आश्रय देने की बात कहने पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने नोटिस जारी किया है।
नई दिल्ली,एजेंसियां। दिल्ली में हुई हिंसा के पीड़ितों को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्र संघ (JNUSU) द्वारा कैंपस के अंदर आश्रय देने की बात कहने पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने नोटिस जारी किया है। ऐसे किसी भी कदम को लेकर उन्हें चेताया गया है।
रजिस्ट्रार प्रमोद कुमार द्वारा जारी नोटिस में कहा गया कि आपको जेएनयू परिसर को शेल्टर बनाने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है। समाचार एजेंसी आइएएनएस के अनुसार विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रों को ऐसा करते हुए पाए जाने पर अनुशासनात्मक कार्रवाइयों की चेतावनी भी दी है। साथ ही कहा गया है कि विश्वविद्यालय को अध्ययन और अनुसंधान का स्थान बनाए रखें। इसे शेल्टर होम नहीं बना सकते। यह कदम प्रशासन और जेएनयूएसयू के बीच चल रही खींचतान को और बढ़ा सकता है।
वीसी प्रोफेशर जगदीश कुमार ने क्या कहा
जेएनयू के वीसी प्रोफेशर जगदीश कुमार ने समाचार एजेंसी एएनआइ को बताया 'हम चाहते हैं कि दिल्ली में शांति और सद्भाव कायम रहे और प्रभावित लोगों को हर संभव मदद मुहैया कराई जाए। हमारे परिसर में कुछ छात्रों ने बाहरी लोगों को परिसर में आने और रहने के लिए खुले तौर पर बात कही। ये वही छात्र हैं, जिन्होंने जनवरी में हुई घटना के लिए बाहरी लोगों को जिम्मेदार ठहराया था।'
बचाव और सुरक्षा भी महत्वपूर्ण
वीसी ने आगे कहा, 'बचाव और सुरक्षा भी बहुत महत्वपूर्ण है यही कारण है कि हमने अपने छात्रों को सलाह दी है कि कृपया बाहरी लोगों को कैंपस में आने और रहने की खुले तौर बात न कहें। इसके बजाय, आप परिसर से आवश्यक वस्तुओं और सामग्रियों को इकट्ठा कर सकते हैं और प्रभावित लोगों को मानवीय सहायता प्रदान कर सकते हैं। इसमें जेएनयू प्रशासन पूरी तरह से समर्थन करेगा। अभी कैंपस शांतिपूर्ण है और जगह-जगह सुरक्षा है और यहां कोई बाहरी लोग नहीं हैं।'
42 लोगों की मौत,200 लोग गंभीर रूप से घायल
उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा मनें पुलिस हेड कॉन्स्टेबल और इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) के अधिकारी सहित कम से कम 42 लोगों की मौत हुई है, जबकि लगभग 200 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। हिंसा की जांच के लिए दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा के तहत दो विशेष जांच दल (एसआइटी) का गठन किया गया है।